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सत्य से दूर
सदियों से एक पंथ सम्प्रदाय के नाम लड़ते हुए
हमें बरसों बीत गए हमारी इन्हीं कमियों का फायदा कुछ ऐसे लोग उठाते आए हैं जिन्हें कुछ
नहीं आता था पर उन्होंने हम पर राज किया हमारी शिक्षा व्यवस्था ऐसी व्यवस्था बना दिया
जहां पर अपना स्वार्थ ही महत्वपूर्ण है देश के
लिए किसी को कोई हमदर्दी नहीं है अगर ईमानदारी से काम करना सिखाया ही नहीं जाता
यही एक सत्य बात है।हम अब भी खुश है हमें एक बदलाव की जरूरत है जो सरलता से नहीं आ पायेगा इसके लिए हमें शुरुआत करनी होगी हमें ही बहुत बड़ा विद्रोह करना होगा फिर इसमें चाहें आपके घर वाले साथ हो या न हो उन की बातों को भले सुनो पर कार्य वहीं करो जो सही हो इसके लिए कभी मत घबराओ जब स्वयं के साथ बहुत कुछ ऐसी बातें हो ही जाती है कहीं देर न हो जाए आर या पार की लड़ाई लड़ो हारे हुए तुम तो हो क्या पता जीत जाओ
© nil nil