good bye--अलविदा...🙋
Good bye-अलविदा - हम सभी की ज़िंदगी मे कुछ रिश्ते, कुछ लोग और कुछ वक्त अलविदा होने के लिए ही आते हैं।
अच्छे रिश्ते,अच्छे लोग,अच्छे वक़्त को याद कर के हम सुख का अनुभव करते हैं वहीं दूसरी तरफ जब ये चीज़े हमें दुख देकर अलविदा होती हैं तो ये इनकी स्मृति बहुत दुखदायी होती है।इन सभी का हमारी ज़िंदगी में आना जाना लगा रहता है। हाल ही में देखा जाए तो कोरोनाकाल से अलविदा हमें राहत और सुख का अनुभव दे रहा है जबकि गुज़रे वक़्त ने हमें दुख,भय,विलाप आदि के सिवा कुछ भी नही दिया।
अब वक़्त है आप सभी को मेरे इस कहानी की ओर ले चलूं।आशा करती हूँ मेरी इस कहानी के माध्यम से कुछ "मेरी यथार्थ घटनाओं" को शब्दों में पिरोने में सक्षम हो सकूँ।।
कभी ज़िंदगी में एक शख्स
आया।शायद मुझे ठीक से अलविदा कहने***
जिस रोज़ पहली दफ़ा बात हुई यूँ लगा जैसे बिछड़ा कोई यार मुझे मिल गया।हर रोज़ एक नई बातें हर रोज़ नया मज़ाक,ये सिलसिला गुज़रता रहा दोस्ती और भी मजबूत हो रही थी।हम दो से हम अपने दोस्तों और परिवार से जुड़ने लगे ।फिर धीरे -धीरे अपना सुख -दुख बता कर मन हल्का करने का एक नया रोग लग गया।पहले अच्छे थे जब अपना दुख अपने अंदर ही समेट लिया करते थे।ये नए दोस्त ने आदत खराब करदी।ये कहकर कि हमारे बीच दोस्ती नहीं बल्कि रिश्ता है । हम अच्छे दोस्त कभी हुआ करते थे गुज़रते वक़्त के साथ हम अब एक परिवार की तरह हैं।ये सब बातें बोहोत असरदार होती हैं।किसी भी रिश्ते की मजबूती के लिये बेहतरीन आधार शिला का काम करती है।
वक़्त गुज़रा, गुज़रा लेकर एक साल।एक साल मतलब हमने दीपावली के दिये,होली के रंग,नवरात्र की पूजा आदि से लेकर तीन मौसम के अलावा ज़िंदगी में आने वाले सारे लम्हों को एक दूसरे के साथ जिया।दिसम्बर की ठंड ,मई की गर्मी,जुलाई की बारिश से बसंत, बहार सारे मौसम जैसे खुशनुमा हो गए थे।ज़िंदगी फिर एक नई दिशा की ओर चल पड़ी थी।
ऐसा महसूस होने लगा था जैसे अब ज़िंदगी मे दुख के बादल छट गये हैं, अब बस बहार आ रही है।कोई भी बात हो या बड़ी परेशानी उसके साथ से जैसे एक हिम्मत बनने लगी थी।लगता था अब कोई साथ दे या न दे ।जो है साथ वो लाजवाब है और उसके अलावा मुझे किसी की ज़रूरत नहीं है।अब "रिश्ते" से बढ़कर और क्या हो सकता था ।फिर उस नए शख्स ने मुझे बताया कि मैं उनकी ज़िंदगी में बहुत कीमती हूँ।वो मुझे कभी खोना नहीं चाहते।मैं उनके परिवार का हिस्सा हूँ।शायद उनके दिल में मुझे कोई कोना मिला गया था।मुझे वो घर की हर छोटी बड़ी बातें बतायी जाने लगी जिससे मुझे ये महसूस होने लगा कि हम दोनों एक ही हैं।फिर इक रोज़ मेरी ज़िंदगी में ऐसी भी शाम आई।जब उस नए दोस्त ने मेरे दिल में दस्तक दी।मुझसे एक बेहतरीन अंदाज़ में अपने इश्क़ का इज़हार किया,,उस रोज़ जैसे मेरे पाँव ज़मीन पर नहीं थे।मैं कहीं आसमान में उड़ रही थी।
ऐसा लग रहा था जैसे मेरे ख्वाबों को मंज़िल मिल रही है।
ज़िंदगी का हर एक मकसद पूरा होता नज़र आ रहा था।एक नया मक़ाम एक नई रोशनी के साथ ज़िंदगी बड़ी ख़ुशनुमा हुए जा रही थी ........
....पर ज़रूरी नहीं हम हमेशा जैसा सोचें वो सहीं ही हो।
कई बार कुछ लोग हमें रिश्तों में विश्वास के साथ धोका भी दे जाते हैं।ऐसा धोका कि जिसे खाने के बाद इंसान अच्छे लोगों पर विश्वास करने में खुद को असमर्थ समझने लगता है।
फिर हर रिश्ते से भरोसा टूटने लगता है।ऐसा करने वालों की कोई मजबूरी तो नही होती,पर बेवजह अगर जो लोग ऐसा किसी के साथ करते हैं तो बहुत ही ग़लत है।ऐसे दोस्ती,रिश्ते या प्रेम किसी भी इंसान को अंदर तक तोड़ने के लिए काफी है।
उस शख्स ने मेरा दिल नहीं तोड़ा था।तोड़ता भी कैसे वो लोगों के दिलों में राज़ करता था।उसकी लाजवाब अदाकारी की दुनिया दीवानी थी।बोहोत लोग उसे पसन्द करते थे।फिर एक रोज़ जब मुझे उस शख्स की बहुत ज़रूरत थी। मेरी हर एक कोशिश नाकाम होते हुए देखा मैंने ,या कहूँ के खुद को टूटते हुए या कहूँ कि विश्वास चूर हो गया था मेरा।उस दिन मुझे एहसास हुआ कि के ज़िंदगी में तीन चीज़े अक्सर आती हैं कभी खुशी बन कर कभी सबक बन कर ।।महज़ ये तीनो चीज़े मुझे एक ही शक़्स से मिली ।उस रोज़ के बाद वो मेरे संपर्क में आया भी तो एक अजनबी की तरह उसने ख़बर भी न ली मेरी।मुझे महसूस हुआ जैसे मैं महज़ भीड़ का हिस्सा बस थी उसकी ज़िंदगी में।।ये रिश्ता मुझे आख़िरकार ऐसे नतीजे पर पहुंचा दिया कि मुझे ऐसा नहीं लगा कि मैं इस रिश्ते की कोई शिकायत भी करूँ।।जिस रिश्ते का वजूद ही नहीं कोई,,उसका फिर मैं क्या ही ज़िक्र करूँ।।
कुछ इस तरह मैंने खुद को ,अपने मन को और अपने स्वभाव को संभाल लिया ।।
वो आखिरी मुलाकात....
मैंने उस दिन न शिकायत की न मेरे आवाज़ में उस टूटे हुए विश्वास का दर्द था।
मैंने एक भरपूर मुस्कुराहट के साथ उनसे प्रेम का आख़िरी इज़हार कर उन्हें अपनी ज़िंदगी से "अलविदा" कर दिया।।
आशा करती हूँ दोस्तों कि मेरी ज़िंदगी का ये सबक आप लोगों को आज की इस दुनिया का एक नया चेहरा दिखाने में सक्षम हो सका है।। मुझे आगे और भी पढ़ने और जानने के लिए आप मुझे संपर्क कर सकते हैं।।
𝘄𝗿𝗶𝘁𝗲𝗿:- 𝗽𝗼𝗼𝗷𝗮 𝘆𝗮𝗱𝗮𝘃
𝗦𝗛𝗜𝗗𝗗𝗔𝗧 @ 𝗶𝗻𝘀𝘁𝗮𝗴𝗿𝗮𝗺
𝘀𝗵𝗶𝗱𝗱𝗮𝘁❣️ @ 𝘆𝗼𝘂𝗿 𝗾𝘂𝗼𝘁𝗲𝘀
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अच्छे रिश्ते,अच्छे लोग,अच्छे वक़्त को याद कर के हम सुख का अनुभव करते हैं वहीं दूसरी तरफ जब ये चीज़े हमें दुख देकर अलविदा होती हैं तो ये इनकी स्मृति बहुत दुखदायी होती है।इन सभी का हमारी ज़िंदगी में आना जाना लगा रहता है। हाल ही में देखा जाए तो कोरोनाकाल से अलविदा हमें राहत और सुख का अनुभव दे रहा है जबकि गुज़रे वक़्त ने हमें दुख,भय,विलाप आदि के सिवा कुछ भी नही दिया।
अब वक़्त है आप सभी को मेरे इस कहानी की ओर ले चलूं।आशा करती हूँ मेरी इस कहानी के माध्यम से कुछ "मेरी यथार्थ घटनाओं" को शब्दों में पिरोने में सक्षम हो सकूँ।।
कभी ज़िंदगी में एक शख्स
आया।शायद मुझे ठीक से अलविदा कहने***
जिस रोज़ पहली दफ़ा बात हुई यूँ लगा जैसे बिछड़ा कोई यार मुझे मिल गया।हर रोज़ एक नई बातें हर रोज़ नया मज़ाक,ये सिलसिला गुज़रता रहा दोस्ती और भी मजबूत हो रही थी।हम दो से हम अपने दोस्तों और परिवार से जुड़ने लगे ।फिर धीरे -धीरे अपना सुख -दुख बता कर मन हल्का करने का एक नया रोग लग गया।पहले अच्छे थे जब अपना दुख अपने अंदर ही समेट लिया करते थे।ये नए दोस्त ने आदत खराब करदी।ये कहकर कि हमारे बीच दोस्ती नहीं बल्कि रिश्ता है । हम अच्छे दोस्त कभी हुआ करते थे गुज़रते वक़्त के साथ हम अब एक परिवार की तरह हैं।ये सब बातें बोहोत असरदार होती हैं।किसी भी रिश्ते की मजबूती के लिये बेहतरीन आधार शिला का काम करती है।
वक़्त गुज़रा, गुज़रा लेकर एक साल।एक साल मतलब हमने दीपावली के दिये,होली के रंग,नवरात्र की पूजा आदि से लेकर तीन मौसम के अलावा ज़िंदगी में आने वाले सारे लम्हों को एक दूसरे के साथ जिया।दिसम्बर की ठंड ,मई की गर्मी,जुलाई की बारिश से बसंत, बहार सारे मौसम जैसे खुशनुमा हो गए थे।ज़िंदगी फिर एक नई दिशा की ओर चल पड़ी थी।
ऐसा महसूस होने लगा था जैसे अब ज़िंदगी मे दुख के बादल छट गये हैं, अब बस बहार आ रही है।कोई भी बात हो या बड़ी परेशानी उसके साथ से जैसे एक हिम्मत बनने लगी थी।लगता था अब कोई साथ दे या न दे ।जो है साथ वो लाजवाब है और उसके अलावा मुझे किसी की ज़रूरत नहीं है।अब "रिश्ते" से बढ़कर और क्या हो सकता था ।फिर उस नए शख्स ने मुझे बताया कि मैं उनकी ज़िंदगी में बहुत कीमती हूँ।वो मुझे कभी खोना नहीं चाहते।मैं उनके परिवार का हिस्सा हूँ।शायद उनके दिल में मुझे कोई कोना मिला गया था।मुझे वो घर की हर छोटी बड़ी बातें बतायी जाने लगी जिससे मुझे ये महसूस होने लगा कि हम दोनों एक ही हैं।फिर इक रोज़ मेरी ज़िंदगी में ऐसी भी शाम आई।जब उस नए दोस्त ने मेरे दिल में दस्तक दी।मुझसे एक बेहतरीन अंदाज़ में अपने इश्क़ का इज़हार किया,,उस रोज़ जैसे मेरे पाँव ज़मीन पर नहीं थे।मैं कहीं आसमान में उड़ रही थी।
ऐसा लग रहा था जैसे मेरे ख्वाबों को मंज़िल मिल रही है।
ज़िंदगी का हर एक मकसद पूरा होता नज़र आ रहा था।एक नया मक़ाम एक नई रोशनी के साथ ज़िंदगी बड़ी ख़ुशनुमा हुए जा रही थी ........
....पर ज़रूरी नहीं हम हमेशा जैसा सोचें वो सहीं ही हो।
कई बार कुछ लोग हमें रिश्तों में विश्वास के साथ धोका भी दे जाते हैं।ऐसा धोका कि जिसे खाने के बाद इंसान अच्छे लोगों पर विश्वास करने में खुद को असमर्थ समझने लगता है।
फिर हर रिश्ते से भरोसा टूटने लगता है।ऐसा करने वालों की कोई मजबूरी तो नही होती,पर बेवजह अगर जो लोग ऐसा किसी के साथ करते हैं तो बहुत ही ग़लत है।ऐसे दोस्ती,रिश्ते या प्रेम किसी भी इंसान को अंदर तक तोड़ने के लिए काफी है।
उस शख्स ने मेरा दिल नहीं तोड़ा था।तोड़ता भी कैसे वो लोगों के दिलों में राज़ करता था।उसकी लाजवाब अदाकारी की दुनिया दीवानी थी।बोहोत लोग उसे पसन्द करते थे।फिर एक रोज़ जब मुझे उस शख्स की बहुत ज़रूरत थी। मेरी हर एक कोशिश नाकाम होते हुए देखा मैंने ,या कहूँ के खुद को टूटते हुए या कहूँ कि विश्वास चूर हो गया था मेरा।उस दिन मुझे एहसास हुआ कि के ज़िंदगी में तीन चीज़े अक्सर आती हैं कभी खुशी बन कर कभी सबक बन कर ।।महज़ ये तीनो चीज़े मुझे एक ही शक़्स से मिली ।उस रोज़ के बाद वो मेरे संपर्क में आया भी तो एक अजनबी की तरह उसने ख़बर भी न ली मेरी।मुझे महसूस हुआ जैसे मैं महज़ भीड़ का हिस्सा बस थी उसकी ज़िंदगी में।।ये रिश्ता मुझे आख़िरकार ऐसे नतीजे पर पहुंचा दिया कि मुझे ऐसा नहीं लगा कि मैं इस रिश्ते की कोई शिकायत भी करूँ।।जिस रिश्ते का वजूद ही नहीं कोई,,उसका फिर मैं क्या ही ज़िक्र करूँ।।
कुछ इस तरह मैंने खुद को ,अपने मन को और अपने स्वभाव को संभाल लिया ।।
वो आखिरी मुलाकात....
मैंने उस दिन न शिकायत की न मेरे आवाज़ में उस टूटे हुए विश्वास का दर्द था।
मैंने एक भरपूर मुस्कुराहट के साथ उनसे प्रेम का आख़िरी इज़हार कर उन्हें अपनी ज़िंदगी से "अलविदा" कर दिया।।
आशा करती हूँ दोस्तों कि मेरी ज़िंदगी का ये सबक आप लोगों को आज की इस दुनिया का एक नया चेहरा दिखाने में सक्षम हो सका है।। मुझे आगे और भी पढ़ने और जानने के लिए आप मुझे संपर्क कर सकते हैं।।
𝘄𝗿𝗶𝘁𝗲𝗿:- 𝗽𝗼𝗼𝗷𝗮 𝘆𝗮𝗱𝗮𝘃
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