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वो सलोनी सी लड़की
सलोनी सी रंगत सूरत भोली भाली
एक अल्हड़ सी लड़की की है ये कहानी
बहुत मस्तियां और मासूम बचपन
वो बच्चों का मजमा और उस पर लड़कपन
वो छोटे से दरिया में खुलकर नहाना
वो सावन की बारिश में झूला पुराना
वो बागों में पेड़ों पे चढना ,,, चढ़ाना और
कच्ची सी अमियाँ दोपहरी में खाना
बहुत दूर चलकर के स्कूल जाना
कभी संग मे सहेली और हुड़दंग मचाना
बहुत याद आता है वो गुजरा जमाना
अचानक से आँखों में" हया "का यूं आना
अकेले में मीठे से कुछ सपने सजाना और
जवानी के सपनों में एक राजा का आना
फिर बाबुल का एक दिन वो डोली में बिठाना
माना ये बातें हैं बरसों पुरानी ,, सुनोगे क्या
आगे की अब जिंदगानी,,?
चलो मै सुना दूं कहानी
बहुत ऊँचे नीचे से पथ से गुजरना , नहीं था
आसान उन राहों पर चलना,मगर उन इरादों ने
हिम्मत ना हारी,,कठिन हो चुकी थी अब ये कहानी
थी दिल में कसक और आँखों में पानी
मगर साथ राजा ने उसका ना छोड़ा ,,वो भी
घुलने लगा रोज ही थोड़ा थोड़ा,,हर आँसू को
उसने सहेजा संवारा, बीते वो लम्हे ना आये दोबारा
यूं ही प्यार में ढल गई वो जवानी,,,वो अल्हड़ सी
लड़की अब थी राजा की रानी ,,वो बीती जवानी
अब रह गई बस वो यादें पुरानी,,
राजा के आंगन में लिखती कहानी ,जिसे सुनके
कहते सब प्यारी है कहानी,,वो गज़लों में गीतों में
यूं ही खोते जाना ,, सुनाऊंगी मै रोज़ तुम सुनते
जाना,,
बहुत सीधी सादी सी है ये कहानी
सलोनी सी सूरत पे दुनिया दीवानी
माना है तेरी भी दुनिया दीवानी ,,,
तू मेरा दीवाना और
मै,,,तेरी दीवानी ,,मै तेरी दीवानी
ये मेरी कहानी,, ये मेरी कहानी
Namita Chauhan
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