सच्ची कहानी.... आगे
जॉब के साथ साथ लिखने का शौक जारी रहा!
स्कूल मे बच्चों को पढ़ाते पढ़ाते कविता या विचार मन मे आते जाते और हम उसी वक़्त अपनी डायरी मे लिख दिया करते थे!
लिखने का जूनून यूँ सवार हुआ की डायरी भरती गयी!
विचार विस्तार रूप लेते गये!
कुछ कविता और शायरी हमने अपने ट्युशन के रूम मे लिख कर लगा...
स्कूल मे बच्चों को पढ़ाते पढ़ाते कविता या विचार मन मे आते जाते और हम उसी वक़्त अपनी डायरी मे लिख दिया करते थे!
लिखने का जूनून यूँ सवार हुआ की डायरी भरती गयी!
विचार विस्तार रूप लेते गये!
कुछ कविता और शायरी हमने अपने ट्युशन के रूम मे लिख कर लगा...