सपना -१
श्याम का दिन था, छोटे - छोटे बच्चे खेल रहे थे, बढ़े- बुज़ुर्ग भी टहल रहे थे। में अपने मकान के बाहर अपने तीन भाईयों का इंतजार कर रही थी। आज हमारे सुसाईटी में पैराग्लाइडिंग होने वाली है। मेरे जो तीन भाई हैं उन्हें पैराग्लाइडिंग बहुत पसंद हैं। मैंने सोचा कि क्यों न उन्हें भी बुला लूं। वे आए और यह सुनकर वह बहुत खुश हुऐ। हम लोगों ने बिना किसी समय बर्बाद किए पैराग्लाइडिंग की ओर अपने कदम बढ़ाये। रास्ते में उन्होंने मुझसे पूछा कि भला शहर में पैराग्लाइडिंग कैसे हो सकती है। मैंने उन्हें बताया कि मैं खुद नहीं जानती। पर में यह जानती हूं कि तुम्हें पैराग्लाइडिंग बहुत पसंद हैं तो मैंने सोचा कि क्यों न तुम लोगों को...