ye Sagar
खो के ख़ुद को यूं ही इन लहरों के वादियों में
जीता रहूं यूं ये पल उम्र भर
यूं ही लहरें आती- जाती रहे
यूं ही बहकता रहे ये मदमस्त नज़र
मन के सारे शोर खामोश है
जीवन मेरा इस पल में मदहोश है
कितना सुकून है उफ्फ क्या सुरूर है
दुनिया के ताना बाना से...