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भुजंग
भुजंग
जंगल में एक सर्प ऐसा था उसके शरीर से एक अजीब सी दुर्गंध आती थी, इसलिये सभी उससे किनारा करते थे, पर भुजंग का इन बातों को लेकर अपना एक अलग ही दृष्टिकोण था उसे लगता सब उससे डरते हैं उसे देखते ही भाग जाते हैं, इसी मद में वो सभी सर्पों से अलग अपनी मतवाली चाल चलता था ख़ुद को सर्पों में श्रेष्ठ मानता था..उसे अपनी दुर्गन्ध पर बड़ा गर्व था, एक दिन जंगल में रेंगते हुये उसे महसूस हुआ मानो कोई सुगंध उसकी दुर्गन्ध को दबा रही है.. सुगंध को आधार बना वह वहाँ पहुंचा जहाँ...