इश्क़ एक गुनाह है।
Part 9.
शाम को आमिर और उनकी बेग़म नूरजहां शाइस्ता के यहां मिठाई लेकर जैसे ही घर के अंदर आते हैं। अस्सलामालेकुम भाभी भाई कैसे हैं आप सब लोग शाइस्ता खुशी से उठते हुए वालेकुम अस्सलाम भाई अल्लाह का करम है आप लोग कैसे हैं। शाइस्ता नूरजहां के गले लगती है और आमिर अहमद साहब के आइये आइये तशरीफ़ रखें। सकीना भागती हुई कशिश के कमरे में आती है अप्पी अप्पी आपकी सुसराल वाले आते हैं कशिश सकीना जाओ सब को पानी पिलाओ। नूरजहां कशिश कहीं नज़र नहीं आ रही है शाइस्ता वह अपने कमरे में है दिन भर मेरी बच्ची काम करती है और शाम को अपने पढ़ाई करती है।
नूरजहां माशा अल्लाह मैं तो बहुत खुश हूं रेहान के लिए कि उसकी शादी इतनी खूबसूरत और नेक लड़की से हो रही है तभी वहां नरगिस भी आ जाती है अस्सलामालेकुम भाई और भाभी कैसे हैं आप लोग नूरजहां अल्लाह का करम है। शाइस्ता भाभी मैं ये सोच रही थी कि अभी रेहान शादी के लिए तो मना कर रहें हैं कि अगली बार आऊंगा तभी शादी करुंगा लेकिन मुझसे रुक नहीं मिल रहा है। इसलिए मैं और रेहान के अब्बू चाहते हैं कि हम लोग बच्चों की मंगनी कर देते हैं जिससे घर में एक फंक्शन भी हो जाएगा शाइस्ता अहमद और नरगिस हंसने लगते हैं। नूरजहां क्या हुआ भाभी क्या बात है शाइस्ता हम लोग भी यही सोच रहे थे।
आपने तो हमारे मुंह की बात छीन ली शाइस्ता कशिश सबके लिए चाय नाश्ता लेकर आती है अस्सलामालेकुम सभी खुशी से उसकी तरफ़ देख कर वालेकुम अस्सलाम कहते हैं नूरजहां कशिश यहां आओ ज़रा हमारे करीब बैठो कशिश नूरजहां के करीब जा कर बैठ जाती है नूरजहां उसके माथा पर बोसा(kiss) करती है और कहती है अल्लाह तुम्हें ज़माने भर की...
शाम को आमिर और उनकी बेग़म नूरजहां शाइस्ता के यहां मिठाई लेकर जैसे ही घर के अंदर आते हैं। अस्सलामालेकुम भाभी भाई कैसे हैं आप सब लोग शाइस्ता खुशी से उठते हुए वालेकुम अस्सलाम भाई अल्लाह का करम है आप लोग कैसे हैं। शाइस्ता नूरजहां के गले लगती है और आमिर अहमद साहब के आइये आइये तशरीफ़ रखें। सकीना भागती हुई कशिश के कमरे में आती है अप्पी अप्पी आपकी सुसराल वाले आते हैं कशिश सकीना जाओ सब को पानी पिलाओ। नूरजहां कशिश कहीं नज़र नहीं आ रही है शाइस्ता वह अपने कमरे में है दिन भर मेरी बच्ची काम करती है और शाम को अपने पढ़ाई करती है।
नूरजहां माशा अल्लाह मैं तो बहुत खुश हूं रेहान के लिए कि उसकी शादी इतनी खूबसूरत और नेक लड़की से हो रही है तभी वहां नरगिस भी आ जाती है अस्सलामालेकुम भाई और भाभी कैसे हैं आप लोग नूरजहां अल्लाह का करम है। शाइस्ता भाभी मैं ये सोच रही थी कि अभी रेहान शादी के लिए तो मना कर रहें हैं कि अगली बार आऊंगा तभी शादी करुंगा लेकिन मुझसे रुक नहीं मिल रहा है। इसलिए मैं और रेहान के अब्बू चाहते हैं कि हम लोग बच्चों की मंगनी कर देते हैं जिससे घर में एक फंक्शन भी हो जाएगा शाइस्ता अहमद और नरगिस हंसने लगते हैं। नूरजहां क्या हुआ भाभी क्या बात है शाइस्ता हम लोग भी यही सोच रहे थे।
आपने तो हमारे मुंह की बात छीन ली शाइस्ता कशिश सबके लिए चाय नाश्ता लेकर आती है अस्सलामालेकुम सभी खुशी से उसकी तरफ़ देख कर वालेकुम अस्सलाम कहते हैं नूरजहां कशिश यहां आओ ज़रा हमारे करीब बैठो कशिश नूरजहां के करीब जा कर बैठ जाती है नूरजहां उसके माथा पर बोसा(kiss) करती है और कहती है अल्लाह तुम्हें ज़माने भर की...