आत्म संगनी और रूहानियत का रिश्ता
यूं तो हमारी मोहब्बत को तीन साल होने को थे,इन तीन सालों में हमारे रिश्ते ने विभिन्न आयाम देखे। हमारे बीच जन्मा एक अनजाना रिश्ता अब एक मुकम्मल रिश्ता बन चुका था। इस दरमियान हमारी एक शानदार मुलाकात ने इस रिश्ते की गहराई को और मजबूती प्रदान कर दी थी। मगर जु जू हमारा रिश्ता मजबूती की ओर बढ़ रहा था वैसे वैसे आत्म संगनी का मेरे प्रति लगाव पागलपन का रूप धारण कर चुका था। मेरे प्रति उसको अब...