...

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सिर्फ इंतजार…❤️
सच हैं....
सच कहते है प्यार का रूप चांद की तरह होता है !
बस उतनी ही उम्र होती है जितनी की
पूर्णिमा से अमावस तक चांद की होती है !

पूर्णिमा से धीरे धीरे अमावस की तरफ
घटता हुआ प्रेम छुप जाता है !

रात के अंधेरे में एक दिन
और रह जाती है सिर्फ यादों की रोशनी

वक्त बीत जाता है
लम्हे गुजर जाते है !

कितने ही समझौतों के
साथ जिंदगी गुजर जाती है !

बहुत कुछ खोकर
ख्वाबों से मुंह मोड़कर
रह जाता है रूह के अंदर एक टीस
जो कभी कभी आंखो से निकल कर
आसूओं के रूप में बह जाता है !

इस पूर्णिमा से अमावस
तक का सफर दे जाता है एक
अधूरापन जो जीवन भर की सबसे बड़ी
उपलब्धि होती है !

और उस अधूरेपन के
साथ हम खो जाते है
पूर्णता के तलाश में
जो कभी हासिल नहीं होती !

पूनम से अमावस तक सफर ही प्रेम है जो बीत जाता है सिर्फ इंतजार में !!🖤
~P.s