रमणी।
प्रकृति ने गढ़ा है दामन उसका
भरने को क्षुधा उसके शिशु का
छुपाती है उसे अंग वस्त्र से अपने
नाम दिया जग ने लज्जा
क्या कृति...
भरने को क्षुधा उसके शिशु का
छुपाती है उसे अंग वस्त्र से अपने
नाम दिया जग ने लज्जा
क्या कृति...