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~हीरे की कीमत...!! ~astha_✍️
~एक धोबी था, और एक जौहरी था।धोबी पशु चराने जंगल जाता था। एक दिन जंगल गया,तो
उसे चमकता हुआ पत्थर मिला।धोबी पशुओं को नहलाता तो प्रतिदिन वह पत्थर घिसता। एक दिन वहां से जौहरी गुजरा तो उसने देखा कि ये धोबी तो इस हीरे से पशुओं को नहला रहा है उनकी पीठ पर हीरा घिस रहा है। तो जौहरी ने धोबी से कहा हे! भाई धोबी ये पत्थर कितने का दिया।जौहरी ने सोचा अगर मैं हीरा कहूंगा, तो इसकी कीमत बढ़ जाएगी।मुझे पत्थर ही कहना चाहिए। तब धोबी बोला जौहरी से आप उस ओर जाओ आपको भी पत्थर मिल जाएगा। तो जौहरी ने कहा की मुझे तो यही पत्थर चाहिए, इसके बदले मैं तुम्हे दो रुपए दूंगा। तब धोबी सोचने लगा वाह इस पत्थर के दो रुपए, धोबी ने जौहरी को वह पत्थर दे दिया।
जैसे ही वह पत्थर (हीरा) जौहरी के हाथ में गया, तो वह हीरा टूट कर टुकड़े~टुकड़े हो गया।
तो जौहरी ने कहा की अभी जब तू धोबी के हाथ में था।और जानवरों को साफ कर रहा था, तब तो टूटा नहीं,और जब मेरे हाथ में आया तो टुकड़े~टुकड़े हो गया।
तब उस टूटे हुए हीरे से आवाज़ आई,
उसे तो पता ही नहीं था की मेरी कीमत क्या है,और मैं कौन हूं।इसलिए मैं उसके पास खुश था।जैसा रखा उसने मैं प्रसन्न था।
लेकिन जौहरी तुझे तो मेरी कीमत पता थी न की करोड़ों में है। फिर भी तूने मेरी कीमत दो रुपए लगाई।

~जब तुम जैसे जानकार मेरी कीमत दो रुपए लगाएंगे। तो मैं तो टूट कर टुकड़े~टुकड़े हो ही जाऊंगा।🙃
~astha_💗✍️