क्या भुत प्रेत सच में होतें है - पार्ट 2
आज कि ये कहानी मेरे ही एक रिश्तेदार की है | मै अपनी बहन के यहाँ गया हुआ था
वहाँ मुझे गए हुए एक हफ्ते से भी ज्यादा हो गया था पर मुझे वहाँ पर कोई भी एैसा नही मिला जिसके साथ मै खेल कुद कर सकुँ | मुझे वहाँ पर बोरिंग सा लगने लगा था | पर मेरी बहन लोग बगल वाली के घर अकसर जाती थी | क्युँके मेरी बहन के घर में उस टाईम टी-वी ( Television ) नही था तो वह बगल वाली के घर में टी-वी देखने चली जाती थी | मै भी बगल वाली के घर जाना शुरु कर दिया | और वहाँ घँटों-घँटों टी-वी देख के टाईम पार करने लगा | ईसी दौरान मेरी मुलाकात आँटी कि बेटी से हुई जो बहुत ही अच्छी और घरेलु लड़की थी | जब भी मै टी-वी देखने जाता था उसके घर तो मेरी और उसकी बातें शुरु हो जाती |
मेरा खाली टाईम अब उसी के साथ पार होता था | उसके साथ हँसी मजाक में टाईम पार कब हो जाता मुझे पता ही नहीं चलता था
और ईसी तरह मै वहाँ अपना टाईम पार करने लगा
फिर एक दिन बाताें ही बातों में मैने अपने साथ हुई वह घटना उसे बताने लगा कि कैसे मै उस दिन अपने पापा का दुकान जा रहा था तभी मेरे साथ वह भुतिया घटना हुई जिसके बाद मै कभी उस पेंड़ के पास से नही गुजरता था
मेरे साथ घटी घटना को सुन कर वह काफि डर गई थी
और कहने लगी कि तुम्हारे साथ भी ये सब हुआ है
मै बोला क्युँ
तो वो बोली की मेरी बड़ी बहन के साथ भी एैसा हुआ था
मैने पुछा वो अब कहाँ है
तो वह बोली की मेरी बहन का शादी हो चुका है उसके अभी दो बच्चे भी है
थोड़ी देर कुुछ सोच कर वह कहानी स्टार्ट कर दी वह बताती है कि
मेरी बहन का नाम मीना था | वह मुझसे 3 साल की बड़ी थी | वह मेरे साथ बहुत अच्छे
रहती थी
पर अब मै उसे याद करती रहती हुँ | वह अब डेथ कर चुकी है | मैने तुरंत पुछा तुमने तो अभी बोला की उसकी शादी हो गई है |
वह बोली मै सब्को नही बता सकती ये सब क्युँकि बहुत से लोग ईस पर विश्वास नही करते है |
कुछ लोग भुत प्रेत जैसी चीजो पर विश्वास नही रखते है |
मै बोला कि तुम्हारी बहन सच में डेथ कर चुकी है |
वह बोली हाँ | मै साफ देख सकता था | कि वह बताते हुए रो रही थी
वह बोली मेरी बहन बहुत अच्छी थी | वह जब 9 क्लास में थी तब से रिश्ते आने शुरु हो गए थे | उसका सिर का बाल बहुत घना और मजबुत था | वह घर का काम और थोड़ा बहुत खाना पका लेती थी | आस पास के रिश्तेदार उसे बहुत मानतें थे वह सबके साथ घुल मिल के रहती थी
बोला जाए तो मेरी बहन एकदम परफेक्ट लड़की थी |
पर उसकी एक बुरी आदत थी कि वह रोज शाम को अपना बाल झड़ती थी | वह भी एक पेंड़ के नीचे | घर और आस-पास के लोग उसे हमेशा मना करते थे कि शाम के समय खुले बाल नही रखने चाहिए | पर वह चाह कर भी ये करने से नही रुक पाती थी | वह रोज शाम को बाल झाड़ती थी | कभी कदार वह खुले बाल ही ईधर उधर खेलती रहती थी
बोला जाए तो हर जगह कुछ अच्छे और बुरे दोनो लोग रहते है | और उन्ही
बुरे लोग की नजर मेरी बहन को लग गई
मेरे घर के बाहर एक बहुत ही पुराना बर्गद का पेंड़ है | कभी कदार हम लोग उसी के नीचे खेलते थे | पर अब हम लोग नही खेलना बंद कर दिए थे | पर मेरी बहन उसी के नीचे बैठी रहती थी | वही पर खेलती कुदती रहती थी | ये सब तो ठिक था | कयुँकी ये सब वब दिन को करती थी | पर शाम होते ही वह बाल झाड़ना शुरु कर देती थी | जो उसकी बहुत ही खराब आदत थी
और ईसी आदत का शिकार वह हो गई | हुआ युँ के मेरी बहन के अंदर एक आतमा का कब्जा हो गया था | पता नही एक से भी ज्यादा हो सकतें है | वह अब अकेले ही बंद रहती थी एक कमरें में | और डरावनी डरावनी आवाजें निकालती थी कोई भी उसके पास अकेले जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था | घर के सभी लोग परेशान रहनें लगे थे | मेरी बहन अकेले एक कमरें में बंद रहती थी | और खाना पीना भी नही करती थी | उसे बहुत जगह दिखाया गया पर कोई फर्क उस पर नही पड़ा | और भुखे प्यासे रहने कि वजह से मेरी बहन हम सब को छोड़ कर चली गई
Part 3 Coming Soon
वहाँ मुझे गए हुए एक हफ्ते से भी ज्यादा हो गया था पर मुझे वहाँ पर कोई भी एैसा नही मिला जिसके साथ मै खेल कुद कर सकुँ | मुझे वहाँ पर बोरिंग सा लगने लगा था | पर मेरी बहन लोग बगल वाली के घर अकसर जाती थी | क्युँके मेरी बहन के घर में उस टाईम टी-वी ( Television ) नही था तो वह बगल वाली के घर में टी-वी देखने चली जाती थी | मै भी बगल वाली के घर जाना शुरु कर दिया | और वहाँ घँटों-घँटों टी-वी देख के टाईम पार करने लगा | ईसी दौरान मेरी मुलाकात आँटी कि बेटी से हुई जो बहुत ही अच्छी और घरेलु लड़की थी | जब भी मै टी-वी देखने जाता था उसके घर तो मेरी और उसकी बातें शुरु हो जाती |
मेरा खाली टाईम अब उसी के साथ पार होता था | उसके साथ हँसी मजाक में टाईम पार कब हो जाता मुझे पता ही नहीं चलता था
और ईसी तरह मै वहाँ अपना टाईम पार करने लगा
फिर एक दिन बाताें ही बातों में मैने अपने साथ हुई वह घटना उसे बताने लगा कि कैसे मै उस दिन अपने पापा का दुकान जा रहा था तभी मेरे साथ वह भुतिया घटना हुई जिसके बाद मै कभी उस पेंड़ के पास से नही गुजरता था
मेरे साथ घटी घटना को सुन कर वह काफि डर गई थी
और कहने लगी कि तुम्हारे साथ भी ये सब हुआ है
मै बोला क्युँ
तो वो बोली की मेरी बड़ी बहन के साथ भी एैसा हुआ था
मैने पुछा वो अब कहाँ है
तो वह बोली की मेरी बहन का शादी हो चुका है उसके अभी दो बच्चे भी है
थोड़ी देर कुुछ सोच कर वह कहानी स्टार्ट कर दी वह बताती है कि
मेरी बहन का नाम मीना था | वह मुझसे 3 साल की बड़ी थी | वह मेरे साथ बहुत अच्छे
रहती थी
पर अब मै उसे याद करती रहती हुँ | वह अब डेथ कर चुकी है | मैने तुरंत पुछा तुमने तो अभी बोला की उसकी शादी हो गई है |
वह बोली मै सब्को नही बता सकती ये सब क्युँकि बहुत से लोग ईस पर विश्वास नही करते है |
कुछ लोग भुत प्रेत जैसी चीजो पर विश्वास नही रखते है |
मै बोला कि तुम्हारी बहन सच में डेथ कर चुकी है |
वह बोली हाँ | मै साफ देख सकता था | कि वह बताते हुए रो रही थी
वह बोली मेरी बहन बहुत अच्छी थी | वह जब 9 क्लास में थी तब से रिश्ते आने शुरु हो गए थे | उसका सिर का बाल बहुत घना और मजबुत था | वह घर का काम और थोड़ा बहुत खाना पका लेती थी | आस पास के रिश्तेदार उसे बहुत मानतें थे वह सबके साथ घुल मिल के रहती थी
बोला जाए तो मेरी बहन एकदम परफेक्ट लड़की थी |
पर उसकी एक बुरी आदत थी कि वह रोज शाम को अपना बाल झड़ती थी | वह भी एक पेंड़ के नीचे | घर और आस-पास के लोग उसे हमेशा मना करते थे कि शाम के समय खुले बाल नही रखने चाहिए | पर वह चाह कर भी ये करने से नही रुक पाती थी | वह रोज शाम को बाल झाड़ती थी | कभी कदार वह खुले बाल ही ईधर उधर खेलती रहती थी
बोला जाए तो हर जगह कुछ अच्छे और बुरे दोनो लोग रहते है | और उन्ही
बुरे लोग की नजर मेरी बहन को लग गई
मेरे घर के बाहर एक बहुत ही पुराना बर्गद का पेंड़ है | कभी कदार हम लोग उसी के नीचे खेलते थे | पर अब हम लोग नही खेलना बंद कर दिए थे | पर मेरी बहन उसी के नीचे बैठी रहती थी | वही पर खेलती कुदती रहती थी | ये सब तो ठिक था | कयुँकी ये सब वब दिन को करती थी | पर शाम होते ही वह बाल झाड़ना शुरु कर देती थी | जो उसकी बहुत ही खराब आदत थी
और ईसी आदत का शिकार वह हो गई | हुआ युँ के मेरी बहन के अंदर एक आतमा का कब्जा हो गया था | पता नही एक से भी ज्यादा हो सकतें है | वह अब अकेले ही बंद रहती थी एक कमरें में | और डरावनी डरावनी आवाजें निकालती थी कोई भी उसके पास अकेले जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था | घर के सभी लोग परेशान रहनें लगे थे | मेरी बहन अकेले एक कमरें में बंद रहती थी | और खाना पीना भी नही करती थी | उसे बहुत जगह दिखाया गया पर कोई फर्क उस पर नही पड़ा | और भुखे प्यासे रहने कि वजह से मेरी बहन हम सब को छोड़ कर चली गई
Part 3 Coming Soon