...

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मेरी अधूरी कहानी
एक शाम मैं अपने घर के
बाहर बैठा हुआ था
अचानक संयोग से
उनका आगमन हुआ
नज़रों से नजर मिली
उस दिन से मैं काफी
खुश रहने लगा था
मुझे लगा शायद मुझे
समझने वाला कोई
मिल गया
बस जब जब उसे देखता
मेरे दिल को काफी
सकूंन मिलता था
कभी कभी वो भी मुझे
देख लिया करते थे
परन्तु उसके दिल में क्या है
मुझे कुछ पता नहीं था
कुछ समय गुजर गया
उसके बाद उसने एक
दम से मुझे नजर अंदाज
करना शुरू कर दिया
जितना मैं उसे चाहता था
उतना वो मुझे नहीं चाहती थी
उसके चेहरे पर कभी
मुस्कान ही नहीं आयी
उसके चेहरे से मानो
ऐसा लगता था जैसे
वो मुझे गुस्से से देख
रहे हो
उसके इसी व्यवहार के
चलते मेरा दिल कितना
दुखा इसका तो शायद
मुझे भी अंदाजा नहीं है
उसको यूं मायूस देखना
मुझे अच्छा नहीं लगता था
शायद उसे मुझसे काफी चिढ़ थी
फिर हमने भी अपने
अरमानों को कहीं दफन दिया
उसकी खुशी के
लिए मुझे एक फैसला
लेना पडा-उससे दूर जाने का
कई रातों तक मेरे
आंसू नहीं थमे
और मैं चैन से सो
भी नहीं पाया
हमने ये सोच कर अपने
प्यार का इजहार नहीं
किया कि कहीं उसे
बुरा न लगे और उसका
दिल न दुखे
मगर मेरे दूर होने से
खुशी मिलती है तो
फिर यही सही
ये तो उसकी मर्जी है
कि वो जिससे चाहे
प्यार करे
मैं उसे बेवफा नहीं
कहता
क्यों कि इंसान को अपने
अच्छे बुरे का पूर्ण ज्ञान
होता है
फिर मैंने उसे उसके रास्ते
छोड़ कर पुनः अपनी
जिन्दगी पर फोकस
किया
हां कुछ कठिन घड़ी जरूर थी
पर मैंने धैर्य से हर परेशानी
का सामना किया
मैं आप लोगों से एक बात
कहना चाहता हूं कि
प्यार में सबको स्वतंत्रता
दो
अगर आप किसी से प्यार करते हो
और वो आप से नहीं करता
तो समझदार व्यक्ति की तरह
उसे छोड दो जबरदस्ती
करने की कोशिश न करो
वक्त बड़े से बड़ा घाव भर
देता है आप भी धैर्य और
हिम्मत से आगे बढ़ें
खुश रहें प्रसन्न रहें




© Shaayar Satya