...

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तकलीफ
कैसी तकलीफ है मेरी केसे बताती तुझे ।
हर तकलीफ तो तूने दी है मुझे ।
इसलिए मे खूद को ही जीमदार मानती हू। जो तुझसे कभी मेने वफा की है ।
नफरत होती आज मुझे खुद पर जो मेने तझ जेसे से प्यार करती थी ।
तकलीफ तब होता है जब दर्द मै हो कर भी किसी को अपनी दर्द एहसास नही होने देती ।
तकलीफ तब होती जब दर्द से परेशान हो कर रो भी नही सकता है ।
तकलीफ होती है आंसू छुपाकर जब हसना पड़ता है ।
कितनी तकलीफ मे हू केसे बताउ
अंधेरी रात मे छूपकर रोना । क्या बोलू मे आप को मेरी जिंदगी अब मोद मांगती मगर अपने है जो मेरे लम्बी उमर माँगते।

उनके खातिर जिते हूऐ हर पल दर्द से मरना भी मंजूर है मुझे ।
ये सिर्फ तकलीफ है जो मेरी मुझे हीमत ओर साहसी बनती है ।
आज मुझे मेरी हर तकलीफ से प्यार है । जो सिर्फ मेरी है कोई मुझसे छिन भी नही सकता ।








© Lina