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#पश्चायत संस्कृत की तरफ भारत में मैकाले और जान पियरे की भारतीय संस्कृति को नष्ट करने का श्रेय।
#पश्चायत संस्कृत की तरफ भारत में मैकाले और जान पियरे की भारतीय संस्कृति को नष्ट करने का श्रेय।

पश्चिमी संस्कृति और इसके प्रभाव को समझने के लिए हमें इतिहास के कई महत्वपूर्ण दौरों की समीक्षा करनी होगी, जिसमें ब्रिटिश साम्राज्यवाद का भारत पर गहरा प्रभाव रहा। भारतीय संस्कृति, जो अपने अद्वितीय मूल्यों, ज्ञान, और आध्यात्मिकता के लिए प्रसिद्ध रही है, ब्रिटिश शासन के दौरान आक्रमणों और वैचारिक बदलावों का सामना करती रही। इस संदर्भ में, लॉर्ड मैकाले और जान पियरे जैसे व्यक्तियों का उल्लेख करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिनके कार्यों ने भारतीय शिक्षा, भाषा, और सांस्कृतिक संरचना पर गंभीर प्रभाव डाला।

### भारतीय संस्कृति का परिचय

भारतीय संस्कृति एक समृद्ध और विविध परंपराओं का समूह है, जिसमें भाषा, धर्म, दर्शन, कला, और साहित्य के अनगिनत रूप शामिल हैं। प्राचीन काल से ही भारत एक ज्ञान का केंद्र रहा है, जहाँ विद्वानों ने वेदों, उपनिषदों, और पुराणों के माध्यम से दार्शनिक और वैज्ञानिक ज्ञान का विस्तार किया। भारतीय संस्कृति की जड़ें आध्यात्मिकता, धर्मनिरपेक्षता, और मानवता के सिद्धांतों पर आधारित रही हैं, जो देश के सामाजिक और सांस्कृतिक ढांचे को प्रभावित करती हैं।

### ब्रिटिश शासन और भारतीय संस्कृति

18वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत में प्रवेश हुआ, जो बाद में ब्रिटिश शासन में बदल गया। ब्रिटिशों का मुख्य उद्देश्य भारत की आर्थिक संपन्नता को नियंत्रित करना और अपने साम्राज्य का विस्तार करना था, लेकिन इसके साथ-साथ वे भारत की सांस्कृतिक और शैक्षिक संरचना को भी बदलने के इच्छुक थे। ब्रिटिशों ने महसूस किया कि भारतीय संस्कृति को कमजोर करके और शिक्षा प्रणाली को परिवर्तित...