भारतीय इतिहास के ये 5 गद्दार कभी भुलाए नहीं जा सकते....
भारतीय इतिहास के ये 5 गद्दार कभी भुलाए नहीं जा सकते....
712 AD में इस्लामिक आक्रमणकारी भारत में आने शुरू हुए और 1600 में अंग्रेज व्यापार के नाम पर भारत आये. जिस कारण भारत लगातार विदेशियों के निशाने पर था. बेशक भारत पूर्ण गुलाम कभी न हुआ और कभी कोई क्षेत्र गुलाम होता था तो कभी कोई आजाद भी करवा लिया जाता था. मगर दौरान विदेशियों को समर्थन मिला भारत के अंदर छिपे बैठे कुछ गद्दारों का, जिन्होंने अपना जमीर गिरवी रख कर अपने ही देश के साथ गद्दारी की. कहा जा सकता है कि अगर ये गद्दार न होते तो आज भारत का इतिहास गुलामी की जंजीरों की बजाय समृद्धि की कथा कहता. इन्हीं में से 5 गद्दारों के बारे में आज हम जानेंगे ….!!
1) जयचंद....
जब-जब इतिहास के पन्नों में राजा पृथ्वीराज चौहान का नाम लिया जाता है, तब-तब उनके नाम के साथ एक नाम और जुड़ता है, वो नाम है जयचंद.
किसी भी धोखेबाज, गद्दार या देश द्रोही के लिए जयचंद का नाम तो मानो मुहावरे की तरह प्रयोग किया जाता है.
साथ ही जयचंद को लेकर तो एक मुहावरा खूब चर्चित है
कि…
“जयचंद तुने देश को बर्बाद कर दिया गैरों को लाकर हिंद में आबाद कर दिया…”
बता दें कि जयचंद कन्नौज का साम्राज्य का राजा था. बेशक पृथ्वीराज चौहान और राजा जयचंद की दुश्मनी बहुत पुरानी थी और उन दोनों के बीच कई बार भयंकर युद्ध भी हो चुके थे.
बावजूद इसके पृथ्वीराज ने जयचंद की पुत्री संयोगिता से विवाह रचाया था. मगर जयचंद अब भी अंदर ही अंदर पृथ्वीराज को दुश्मन मानता था और मौके की तलाश में रहता था. एक बार जयचंद को पता चला कि मोहम्मद गौरी भी पृथ्वीराज से अपनी हार का बदला लेना चाहता है.
जयचंद ने दिल्ली की सत्ता के लालच में मोहम्मद गौरी का साथ दिया और युद्ध में गौरी को अपनी सेना देकर पृथ्वीराज को हरा दिया....
712 AD में इस्लामिक आक्रमणकारी भारत में आने शुरू हुए और 1600 में अंग्रेज व्यापार के नाम पर भारत आये. जिस कारण भारत लगातार विदेशियों के निशाने पर था. बेशक भारत पूर्ण गुलाम कभी न हुआ और कभी कोई क्षेत्र गुलाम होता था तो कभी कोई आजाद भी करवा लिया जाता था. मगर दौरान विदेशियों को समर्थन मिला भारत के अंदर छिपे बैठे कुछ गद्दारों का, जिन्होंने अपना जमीर गिरवी रख कर अपने ही देश के साथ गद्दारी की. कहा जा सकता है कि अगर ये गद्दार न होते तो आज भारत का इतिहास गुलामी की जंजीरों की बजाय समृद्धि की कथा कहता. इन्हीं में से 5 गद्दारों के बारे में आज हम जानेंगे ….!!
1) जयचंद....
जब-जब इतिहास के पन्नों में राजा पृथ्वीराज चौहान का नाम लिया जाता है, तब-तब उनके नाम के साथ एक नाम और जुड़ता है, वो नाम है जयचंद.
किसी भी धोखेबाज, गद्दार या देश द्रोही के लिए जयचंद का नाम तो मानो मुहावरे की तरह प्रयोग किया जाता है.
साथ ही जयचंद को लेकर तो एक मुहावरा खूब चर्चित है
कि…
“जयचंद तुने देश को बर्बाद कर दिया गैरों को लाकर हिंद में आबाद कर दिया…”
बता दें कि जयचंद कन्नौज का साम्राज्य का राजा था. बेशक पृथ्वीराज चौहान और राजा जयचंद की दुश्मनी बहुत पुरानी थी और उन दोनों के बीच कई बार भयंकर युद्ध भी हो चुके थे.
बावजूद इसके पृथ्वीराज ने जयचंद की पुत्री संयोगिता से विवाह रचाया था. मगर जयचंद अब भी अंदर ही अंदर पृथ्वीराज को दुश्मन मानता था और मौके की तलाश में रहता था. एक बार जयचंद को पता चला कि मोहम्मद गौरी भी पृथ्वीराज से अपनी हार का बदला लेना चाहता है.
जयचंद ने दिल्ली की सत्ता के लालच में मोहम्मद गौरी का साथ दिया और युद्ध में गौरी को अपनी सेना देकर पृथ्वीराज को हरा दिया....