...

7 views

गुल्लक


शादी के वक़्त विदा होते हुए मम्मी ने मुझे दो गुल्लक दी और कहा-" इन दोनों गुल्लकों को अपनी अलमारी में रखना । एक गुल्लक पर खुशी लिखना और एक पर दुख । जब तुम खुश हो तो एक रुपया खुशी वाली गुल्लक में डालना और जब भी तुम्हें दुख हो तो एक रुपया दुख वाली गुल्लक में डालना । लेकिन उसको खोल कर मत देखना कोई बेईमानी नही करना ।

मैं विदा हो कर ससुराल आ गई । ससुराल में सब बहुत अच्छे थे । एक साल , दो साल ,तीन साल कब बीत गए पता ही नही चला । मैं मम्मी के कहे अनुसार गुल्लक में पैसे डालती रही । अब ज़िन्दगी ने एक और नया मोड़ ले लिया । मेरी प्यारी सी बेटी...