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मिस रॉन्ग नंबर 11
#रॉन्गनंबर
~~~~ पार्ट 11 ~~~~

(जीत फोन आए लड़की की मदद के लिए निकलता है~~~~)

आखरी पल~~~~

क्या बात है... वाह मान ली इसकी परखी नजर.... इसने इतने कम समय में दरवाजे का ताला भी देख लिया ???
वैसे.. क्या ये बरगला तो नही रही है ??.... ये बताना चाहती भी है की नहीं ???.... हां.. वैसे ये बात तो सही भी है की पहले मैंने उसे चाय के लिए पूछना चाहिए था ...! किंतु क्या करूं दिमाग में इतने सवाल भर गए है की विषय निकलते ही मुंह में आए सारे सवाल दाग दिए ।... जीत की सोच की फैक्टरी अब भी काम कर रही थी ।


अब आगे~~~~

"लो गरमा गर्म चाय...!" कहते हुए, जीत ने अपनी और उसकी चाय की प्याली डाइनिंग टेबल पर रखी, साथ ही उसके लिए पीने के लिए पानी तथा दो प्लेट में थोड़े बिस्कुट, नमकीन तथा मां के हांथ के बने लड्डू, जो उन्होंने जाने के पूर्व अपने बेटे के लिए खास तौर पर बना के रखे थे, सारी चीजें बकायदा सजा कर जीत खुद के लिए तथा उसके लिए भी लेकर आया... ।
"लो सब शांति से ग्रहण करो... लेकिन उसके बाद मुझे कल की सारी कहानी जाननी है, वो विस्तार के साथ सुनाओ...! और मेरे सारे सवालात के जवाब भी तुम्हे देने होंगे...!!" जीत अब उसके साथ काफी रिलैक्स होकर बर्ताव कर पा रहा था ।

"क्या... ??? बस इतनीसी रिश्वत में तुम इतना सारा जानना चाहते हो ??? भई... ये तो बड़ी नाइंसाफी है ।" कहते हुए वह फिर से खिलखिला कर हंस पड़ी...!
उसकी झट से बात काटने की तथा फुर्ती से जवाब देने और इसी खिलखिलाती हंसी का तो जीत कायल बनता जा रहा था ।

"अच्छा चलो एकबार फिर से... नए सिरे से दोस्त बनते है...! फिर तो तुम्हे कोई आपत्ति नहीं होगी ना ???" उसने कहा....!
"हाय...!!" कहते हुए उसने अपना दाहिना हांथ जीत की तरफ बढ़ा दिया...!!
उसके तुरंत हांथ बढ़ाने पर फिर से जीत सकपका गया...! फिर धीरे से उसकी तरफ हांथ बढ़ते हुए शेक हैंड करते ही...
"मेरा नाम कोमल है...! मैं तुम्हे पिछले कुछ दिनों से देख रही हूं....!! इसीलिए मैं तुम्हे जानती हूं ।" उसकी इन बातों से जीत भौचक्का रह गया ।
"देखो..., तुम मुझे शुरुवात से बताओ.... तुमने मुझे कहां देखा था ??... मेरा नाम कैसे जानती हो ??? और मैंने तुम्हे कहीं देखा है.. ऐसा तो मुझे याद नहीं आता है...! तुम सारी बाते खुल कर बताओ...! कुछ छुपाओ नहीं...! मेरी तो समझ में तुम्हारी कोई भी बात नही आ रही है.....! " ..... जीत

"अरे, जरा धीरज तो धरो....! सब बताती हूं..! इतनी जल्दबाजी भी सही नही मानी जाती...!" फिर से उसके चेहरे पर एक आकर्षक मुस्कुराहट तथा नजरों की शोखियों की झलक दिखी...

( क्रमशः ~~~~ )

(आगे की कहानी की प्रतीक्षा करिए... अगले अंक में हम फिर जल्द ही मिलेंगे आगे क्या हुआ जानने के लिए...)
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