चीजो को जरा अलग ठंग से देखो
ज़रा सा अपना नज़रिया बदलो चीजो को अलग ठंग से देखो
क्यो हर किसीकी बुराई ढूंढ कर कूड़ना चाहते हो किसीकी अच्छाई देख कर उसे...
क्यो हर किसीकी बुराई ढूंढ कर कूड़ना चाहते हो किसीकी अच्छाई देख कर उसे...