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मां (Maa)
हमारे जैसे ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े लड़कों की हमेशा से एक समस्या रही है। हम खुलकर अपने माता-पिता से बात नहीं कर पाते। बात करने में थोड़ी झिझक महसूस होती है। प्यार तो बहुत करते हैं उनसे, लेकिन जता नहीं पाते। कभी Love You Mom, Love You Papa नहीं कह पाते हैं। ये सब थोड़ा ओवर एक्टिंग की तरह लगता है, खासकर मुझे। मेरी परवरिश ऐसे पुरातन परिवारिक माहौल में हुई है कि मैं अपनी मां को मम्मी नहीं "माय" और पिताजी को पापा नहीं "बाबू" कहता हूं। शायद मां ने भी कभी (मेरे अक्ल होने के बाद) बाबू, शोना, राजा बेटा.... नहीं कहा हो। हां कई बार कुटाई जरूर की है। फिर भी मां बहुत प्रेम करती है मुझसे। कभी किसी बात पर हम दोनों में विवाद हो जाए तो पहले सुलह का प्रयास वही करती है। सरकारी स्कूल से लेकर सरकारी नौकरी तक के सफर में वही सबसे अधिक मेरे साथ रही है। हर सुख दुख में सबसे करीब उसी को पाता हूं। खैर, मां के गुणों का वर्णन करने में तो देवता भी सक्षम नहीं हैं......
आज मातृ दिवस है तो मेरा मन भी अपनी मां के साथ वाला फोटो डालने का कर रहा है। मां, पिताजी से कभी ये नहीं कह पाया कि खड़ा होइए साथ में फोटो खिंचवाना है। भला हो राशन कार्ड बनाने वाले का जिसने हमलोगों का एक साथ फोटो खींचा। लेकिन दुर्भाग्य कहिए कि वो भी नहीं मिल रही है जिसे मैं व्हाट्सएप स्टेटस में लगा सकूं। वैसे मिल भी जाता तो आज के शक्ल से नहीं मिलता। एक फोटो छठ पूजा में खिंचाया था मां के साथ। सोचा था कि वही कुछ लिखकर लगाऊंगा, लेकिन Mobile Reset होने के कारण वो भी डिलीट हो गया। पता नहीं फिर कब ऐसा योग बने। शायद अगले साल छठ में ही ऐसा योग बनेगा। फिलहाल, मां-बेटे के इस प्रतीकात्मक तस्वीर को साझा करते हुए आप सभी को Happy Mother's Day. अपनी मां का हमेशा खयाल रखें। इस स्वार्थ भरी दुनिया में सिर्फ मां ही है जो अपने बच्चों से निस्वार्थ प्रेम करती है। हम बच्चों का भी मां के प्रति यह कर्तव्य बनता है कि उनका ख्याल रखें, उनकी बातें सुनें और उनके साथ वक्त बिताएं। ईश्वर करें कि मेरी उम्र भी मेरी मां को लग जाए, लेकिन हम सब सत्य से परिचित हैं कि हमको इस दुनिया में लाने वाली हमको छोड़कर पहले चली जाती है। 🥺🙏