Beti : Second trimester of pregnancy
second trimester of pregnancy
गर्भावस्था की दूसरी तिमाही
आमतौर पर गर्भावस्था 9 महीने की होती है। जिसको 3, 3 महीने की 3 तिमाही में बांट देते हैं। इससे आसानी होती है कि किस तरह से इन तीनों तिमाही में अपना ख्याल कैसे रखें। आज हम बात कर रहे हैं दूसरी तिमाही के बारे में तो चलिए जानते हैं।
पहली तिमाही के मुकाबले में दूसरी मुकाबला काफी हद तक आसान होती है। पहली तिमाही में जो जी मिचलाना, उल्टी होना और थकान होती है उसमें दूसरी तिमाही में काफी हद तक सुधार होता है। इस तिमाही में गर्भपात की संभावना पहली तिमाही के मुकाबले में काफी कम हो जाती है।
इस समय दूसरी तिमाही शुरू होने पर बच्चे की बनावट हो जाती है और शिशु के अंदर का विकास होना शुरू हो जाता है। इस तिमाही में मां को थोड़ा आराम मिलता है। जिससे वह इस समय को इंजॉय कर सकती हैं। इस समय वह अपने आने वाले बच्चे की तैयारी कर सकती हैं।
खाने में क्या लेना जरूरी है -
calcium पूरी गर्भावस्था में कैल्शियम युक्त आहार लेना जरूरी है क्योंकि दूसरी तिमाही में कि आपके शिशु की हड्डियों का विकास होना शुरू हो जाता है। जिसके लिए आपका कैल्शियम युक्त आहार लेना बहुत जरूरी है। कैल्शियम के लिए आप दूध और दूध से बनी चीजों का सेवन अधिक मात्रा में करें। करीबन 100 मिलीलीटर (Ml) दूध में 100 मिलीग्राम (Mg) कैल्शियम होता है। इसके अलावा कुछ फल फ्रूट कैल्शियम युक्त होते हैं जैसे कि अमरूद, सेब, सोयाबीन आदि ले सकते हैं।
Vitamin D इसको पूरा करने के लिए कोई शाकाहारी तरीका नहीं है। इसके लिए आपको मांसाहारी चीजों का सेवन करना होगा। इसके लिए आप ताजा, पका हुआ मीट का सेवन करें। स्वोर्डफिश, शार्क और मार्लिन जैसी कुछ मछलियां न खाएं। इसकी कमी को...
गर्भावस्था की दूसरी तिमाही
आमतौर पर गर्भावस्था 9 महीने की होती है। जिसको 3, 3 महीने की 3 तिमाही में बांट देते हैं। इससे आसानी होती है कि किस तरह से इन तीनों तिमाही में अपना ख्याल कैसे रखें। आज हम बात कर रहे हैं दूसरी तिमाही के बारे में तो चलिए जानते हैं।
पहली तिमाही के मुकाबले में दूसरी मुकाबला काफी हद तक आसान होती है। पहली तिमाही में जो जी मिचलाना, उल्टी होना और थकान होती है उसमें दूसरी तिमाही में काफी हद तक सुधार होता है। इस तिमाही में गर्भपात की संभावना पहली तिमाही के मुकाबले में काफी कम हो जाती है।
इस समय दूसरी तिमाही शुरू होने पर बच्चे की बनावट हो जाती है और शिशु के अंदर का विकास होना शुरू हो जाता है। इस तिमाही में मां को थोड़ा आराम मिलता है। जिससे वह इस समय को इंजॉय कर सकती हैं। इस समय वह अपने आने वाले बच्चे की तैयारी कर सकती हैं।
खाने में क्या लेना जरूरी है -
calcium पूरी गर्भावस्था में कैल्शियम युक्त आहार लेना जरूरी है क्योंकि दूसरी तिमाही में कि आपके शिशु की हड्डियों का विकास होना शुरू हो जाता है। जिसके लिए आपका कैल्शियम युक्त आहार लेना बहुत जरूरी है। कैल्शियम के लिए आप दूध और दूध से बनी चीजों का सेवन अधिक मात्रा में करें। करीबन 100 मिलीलीटर (Ml) दूध में 100 मिलीग्राम (Mg) कैल्शियम होता है। इसके अलावा कुछ फल फ्रूट कैल्शियम युक्त होते हैं जैसे कि अमरूद, सेब, सोयाबीन आदि ले सकते हैं।
Vitamin D इसको पूरा करने के लिए कोई शाकाहारी तरीका नहीं है। इसके लिए आपको मांसाहारी चीजों का सेवन करना होगा। इसके लिए आप ताजा, पका हुआ मीट का सेवन करें। स्वोर्डफिश, शार्क और मार्लिन जैसी कुछ मछलियां न खाएं। इसकी कमी को...