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एक बेटी का अपनी मां से सवाल,,
हैलो दोस्तो मैं आप सब की प्यारी मुस्कान एक बार फिर से हाज़िर हूं लेकर अपनी काल्पनिक कहानियों की किताब,,

तो दोस्तो आज की कहानी बाकी कहानियों से थोड़ी सी अलग है,, ये कहानी है एक लड़की ओर उसकी विधवा मां की,,

जब आरोही सिर्फ पाच साल की थी तभी उसके पिता की एक सड़क हादसे में मौत हो गई,,

और अब वो दोनो मां बेटी ही एक दूसरे का सहारा थी,,

लेकिन कब तक क्युकी हम लड़कियों को एक ना एक दिन तो अपना घर छोड़कर जाना पड़ता है,,

आरोही की मां को भी अब यही चिंता
सताने लगी थी कि वो आरोही के बिना कैसे रहेगी आरोही की मां ये सब सोच ही रही होती है कि तभी आरोही व्हा पर आ जाती हैं,,

और अपनी मां की आंखो में आंसू देख वो पूछती हैं मां आख़िर तेरी इन आंखो में आंसू क्यों क्या तू रो रही थी मां,,

नहीं रे पग्ली ये तो खुशी के आंसू है,,आरोही कहती है मां खुशी के भी कोई आंसू होते हैं क्या ,,आप बताओ ना की आपकी आंखो में ये आंसू किस कारण आए हैं,,

अरे मेरी लाडो रानी बस तेरी शादी के बारे में सोच रही थी एक दिन तू मुझे अकेला छोड़कर चली जाएगी,,

आरोही अपनी मां से कहती है मां मै आपको अकेला छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगी मै तो हमेशा आप के साथ ही रहूंगी,,

आरोही की मां कहती है कि जब मै तुम्हारी उम्र की थी तो बिल्कुल मै भी अपनी मां से ऐसा ही बोला करती थी,,

लेकिन ये तो समाज की बरसो पुरानी रीत है ,, जो हर लडकी को निभानी पड़ती है,,

एक दिन तुझे भी ये रीत निभानी पड़ेगी,,

आरोही मां की बाते सुनने के बाद कहती है मां क्या हर रीति रिवाज सिर्फ एक लड़की पर ही लागू होते है,,

क्या हम लड़कियों को अपनी इच्छा से
अपनी लाइफ जीने का अधिकार नहीं,,

आख़िर मां किसने बनाएं ये दोगले रीति रिवाज,? क्या उसे जानती है आप

अगर जानती है आप तो मुझसे करा
देना उनकी मुलाकात मुझे पूछने है
उनसे कुछ जरूरी सवाल,,

आरोही की मां के पास उसके इन सवालों का कोई जवाब नहीं था इसलिए वो खामोश हो गई,,

क्या? आपके पास है आरोही के सवालों का जवाब,, की आखिर किसने बनाएं ये खोखले रीति रिवाज,,

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