❣️ उधार दिया है ❣️
जैसे लेट हुई ट्रेन का कोई इंतजार करता है।
मैंने कुछ इस कदर उसका इंतजार किया है।।
मानों व्हाट्सएप के जमाने में तुझे तार किया है।।
मैंने कुछ इस तरह वक्त बर्बाद किया है तुझमें,
जैसे मैंने इस ज़िन्दगी को तुझे उधार दिया है।।
तेरे साथ मैंने अपने दिल का विना लाभ का ब्यापार किया है।।
पर सच तो ये है कि मैंने सच्चा प्यार किया है।।
पर तूने मेरी किताब जैसी ज़िन्दगी को रद्दी अखबार किया है।
जैसे मैंने इस ज़िन्दगी को तुझे उधार दिया है।।
दिन भर की मुस्कुराहट के बाद एक रुलाती हुई रात आती है।
उसने मुझे क्यों छोड़ा मेरे ज़हन में ये बात आती है।।
पर मैंने ही उसे रुलाने का अधिकार दिया है।
जैसे मैंने इस ज़िन्दगी को तुझे उधार दिया है।।
अब किसी से कोई शिक़ायत नहीं है मुझे।
मेरी मोहब्बत ने ही मुझे ऐसा उपहार दिया है।।
अपनी यादें छोड़कर, किसी और से प्यार किया है।।
जैसे मैंने इस ज़िन्दगी को उसे उधार दिया है।।
दुआ करुंगा कि वो हमेशा खुश रहे।
पर मुझे इतना न सताएं कि आंखों में आंशु ही न बचें।।
बस ये दुआ करो कि हम ही न बचें।।
मैंने इस कबिता में व्यक्त उसका आभार किया है।।
जैसे मैंने इस ज़िन्दगी को उसे उधार दिया है।।
#pdost @pdost
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मैंने कुछ इस कदर उसका इंतजार किया है।।
मानों व्हाट्सएप के जमाने में तुझे तार किया है।।
मैंने कुछ इस तरह वक्त बर्बाद किया है तुझमें,
जैसे मैंने इस ज़िन्दगी को तुझे उधार दिया है।।
तेरे साथ मैंने अपने दिल का विना लाभ का ब्यापार किया है।।
पर सच तो ये है कि मैंने सच्चा प्यार किया है।।
पर तूने मेरी किताब जैसी ज़िन्दगी को रद्दी अखबार किया है।
जैसे मैंने इस ज़िन्दगी को तुझे उधार दिया है।।
दिन भर की मुस्कुराहट के बाद एक रुलाती हुई रात आती है।
उसने मुझे क्यों छोड़ा मेरे ज़हन में ये बात आती है।।
पर मैंने ही उसे रुलाने का अधिकार दिया है।
जैसे मैंने इस ज़िन्दगी को तुझे उधार दिया है।।
अब किसी से कोई शिक़ायत नहीं है मुझे।
मेरी मोहब्बत ने ही मुझे ऐसा उपहार दिया है।।
अपनी यादें छोड़कर, किसी और से प्यार किया है।।
जैसे मैंने इस ज़िन्दगी को उसे उधार दिया है।।
दुआ करुंगा कि वो हमेशा खुश रहे।
पर मुझे इतना न सताएं कि आंखों में आंशु ही न बचें।।
बस ये दुआ करो कि हम ही न बचें।।
मैंने इस कबिता में व्यक्त उसका आभार किया है।।
जैसे मैंने इस ज़िन्दगी को उसे उधार दिया है।।
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