एक सच्ची घटना
*एक सच्ची घटना जो आपके दिल को विश्वास से भर देगी*
एक लड़की थी जिसका “श्री गुरु नानक साहिब जी पर अटुट विश्वास था वह सुबह तीन उठ जाती स्नान आदि से निर्वत हो कर नितनेम पाठ करती,रोज गुरुद्वारा साहिब जाती श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश भी करती, सहज पाठ करती,उसको बहुत सारी गुरबानी कंठस्थ थी,वह घर में काम करते समय भी गुरबानी की कोई ना कोई तुक हमेशा उसके मुंह मेे होती वो सिर पर हमेशा चुन्नी लगा कर रखती।
फिर उसकी शादी हो गई, ससुराल घर जा कर भी उसने अपना नितनेम नहीं छोड़ा रोज गुरुद्वारा साहिब जाना,सेवा करनी,प्रकाश करना,उसके ससुराल वाले किसी और दुनियावी बाबा को मानते थे,उनको बहू का इस तरह गुरु घर जाना बिल्कुल पसन्द नही था,वो सब उसको दुनियावी बाबा को मानने को कहते पर उस लड़की ने साफ मना कर दिया और कहा मेरे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी पुरन समरथ है मुझे किसी और के आगे सिर झुकाने की जरुरत नहीं,
पर उसके ससुराल...
एक लड़की थी जिसका “श्री गुरु नानक साहिब जी पर अटुट विश्वास था वह सुबह तीन उठ जाती स्नान आदि से निर्वत हो कर नितनेम पाठ करती,रोज गुरुद्वारा साहिब जाती श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश भी करती, सहज पाठ करती,उसको बहुत सारी गुरबानी कंठस्थ थी,वह घर में काम करते समय भी गुरबानी की कोई ना कोई तुक हमेशा उसके मुंह मेे होती वो सिर पर हमेशा चुन्नी लगा कर रखती।
फिर उसकी शादी हो गई, ससुराल घर जा कर भी उसने अपना नितनेम नहीं छोड़ा रोज गुरुद्वारा साहिब जाना,सेवा करनी,प्रकाश करना,उसके ससुराल वाले किसी और दुनियावी बाबा को मानते थे,उनको बहू का इस तरह गुरु घर जाना बिल्कुल पसन्द नही था,वो सब उसको दुनियावी बाबा को मानने को कहते पर उस लड़की ने साफ मना कर दिया और कहा मेरे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी पुरन समरथ है मुझे किसी और के आगे सिर झुकाने की जरुरत नहीं,
पर उसके ससुराल...