...

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मेरी प्यारी Nikku chapter 3
हमारा मिलना इत्तेफाक नही था मर्जी थी ख़ुदा की कोई मजाक नही था!
केहते है सुबह की शुरुवात अच्छी होनी चाहिए
मेरी सुबह की शुरुवात भी निक्कू से ही होती थी,ओर रात भी उसपे ही ख़त्म होती थी।।
क्लास की बात करे तो कभी वो जाती तो मैं नही ओर मैं जाता था तो वो नही,पर क्लास मैं क्या हुआ हम एक दूसरे से सब बताते थे,हम कभी भी कुछ भी नही छुपाते थे,एक भरोसा था हम दोनों मैं जो दोस्ती मैं होनी चाहये जो कि था हम दोनों मैं एक दिन की बात है कि सुबह से निक्कू का एक भी मैसेज नही आया था,मेरा मन अजीब सा हो गया था न जाने क्यों मन भी नही लग रहा था,रात तक मैं इंतेज़ार किया फिर रात के करीब 10 बजे उसका मैसेज आया,मैंने पूछा कि क्यों नही की सुबह से मैसेज, मैं डांट नही सकता था उसे क्योंकि निक्कू को डाँटना मुझे अच्छा नही लगता था क्योंकि निक्कू की मुस्कुराहट मुझे ज्यादा पसंद थी न कि उसको रुलाना,मैं उस समय कुछ नही बोलता था ये निक्कू को भी पता होगा। बस चुपचाप मन ही मन प्यार करता था उसे,उसने बताया कि उसका बैटरी डेड हो गया...