...

17 views

मेरी प्यारी Nikku chapter 3
हमारा मिलना इत्तेफाक नही था मर्जी थी ख़ुदा की कोई मजाक नही था!
केहते है सुबह की शुरुवात अच्छी होनी चाहिए
मेरी सुबह की शुरुवात भी निक्कू से ही होती थी,ओर रात भी उसपे ही ख़त्म होती थी।।
क्लास की बात करे तो कभी वो जाती तो मैं नही ओर मैं जाता था तो वो नही,पर क्लास मैं क्या हुआ हम एक दूसरे से सब बताते थे,हम कभी भी कुछ भी नही छुपाते थे,एक भरोसा था हम दोनों मैं जो दोस्ती मैं होनी चाहये जो कि था हम दोनों मैं एक दिन की बात है कि सुबह से निक्कू का एक भी मैसेज नही आया था,मेरा मन अजीब सा हो गया था न जाने क्यों मन भी नही लग रहा था,रात तक मैं इंतेज़ार किया फिर रात के करीब 10 बजे उसका मैसेज आया,मैंने पूछा कि क्यों नही की सुबह से मैसेज, मैं डांट नही सकता था उसे क्योंकि निक्कू को डाँटना मुझे अच्छा नही लगता था क्योंकि निक्कू की मुस्कुराहट मुझे ज्यादा पसंद थी न कि उसको रुलाना,मैं उस समय कुछ नही बोलता था ये निक्कू को भी पता होगा। बस चुपचाप मन ही मन प्यार करता था उसे,उसने बताया कि उसका बैटरी डेड हो गया था,मैं बोला ठीक है,निक्कू होस्टल मैं खाना बहोत कम खाती थी।,वो अधिकतर जोमैटो से खाना मंगवाती थी उसे वैसे भी बाहर का खाना अच्छा लगता था,एक दिन कॉलेज हमलोग को गाँव का दौरा पर ले गयी फार्मासिस्ट दिन पर ,पर निक्कू नही गयी,और भी बहोत लड़की नही गयी,पर मुझे तो निक्कू से मतलब था,मेरी आँखें तो निक्कू को ढूंढ़ रही थी ,पर फिर भी मैं गया,निक्कू के अलावा दोस्त भी थे जैसे नीरज,शिवांश,कृष्णा अभिनाश ओर राकेश, जो मुझे प्यार करते थे,हमने बहोत मस्ती किया हमने आंतराक्षि भी खेला, ओर खूब सारा गाना गाया,अच्छा दिन रहा वो भी एक यादें बन गयी।
उसी के अगले दिन ही ब्लड कैम्प लगा था।
पर मैं नही दिया और निक्कू से पूछा तो वो हंसते हुए बोलती है होस्टल के खानों ने तो पहले ही ब्लड ले लिया फिर यही सब बातें हुईं फिर बोली रुको आती हु बस एक मिनट रुको वो 1 मिनट के बाद मेरी स्टोरी पूरा बदलने वाली थी।
ये बात है 26/09/2018 की मैं मजाक मजाक मैं क्लास की एक लड़की के तस्वीर पर टिप्पणी कर दिया था एक ऐसी टिप्पणी जो उसे शायद बुरा लग गया।।और लगना भी चाहये,पर वो सिर्फ मजाक था वो नही समझी,क्योंकि वो मेरी न तो दोस्त थी और न ही वो मुझे जानती थी,तो यही बात निक्कू ने मुझसे से बताई की तुमने क्या टिप्पणी किये हो अंजलि के तस्वीर पर ,मैंने सब कुछ निक्कू से बता दिया कि कुछ खास नही था पर जो भी था मैंने निक्कू से बता दिया निक्कू डांट कर बोली कि अंजलि सबको बता रही हैं,मैं डर गया कहि मेरी शिकायत न कर दे,प्रधानअध्यापक से ,फिर निक्कू बोली की वो तुम्हे इतना पसंद आ गयी कि तुम उसके तस्वीर पर टिप्पणी करने लगेपर निक्कू को क्या पता कि मुझे सिर्फ निक्कू पसंद थी इसके अलावा और कोई नही ,निक्कू बोलती है की लड़कियों से बात करना का हुनर तो तुम मे कूट कूट के भरी है,मैंने बोला नही ऐशी कोई बात नही है पर थोड़ा बहोत कर लेता हु,,4 साल है थोड़ा आनंद ले लेता हूं।
फिर मैंने बोला निक्कू तुम अंजलि को बोल देना मेरी तरफ से की सिद्धांत माफी मांग रहा है ,वो बोली ठीक है बोल दूंगी पर अब से ऐसा मत करना,।।
एक दिन की बात है जब हमलोग उम्र पूछ रहे थे एक दूसरे का वो भी बताई और मैं भी बताया फिर सादी की भी बातें किये की उसे कैसा लड़का पसंद है और कब तक करेगी वो बोली कॉलेज के बाद ही मैं हँसने लगा बोला इतना जल्दी भी क्या है ,कभी कभी क्या होता था कि मैं इतना मैसेज कर देता था कि वो जबाब भी नही दे पाती थी,,ओर उस समय वो रात का खाना खा रही होती है या कुछ काम कर रही होती थी ,,मैंने बोला निक्कू तुम गुस्सा हो हमसे वो बोली अरे नही।वो मैं खाना खा रही थी इसीलिए तुम्हे जबाब नही दे पाई।।
ओर प्यार से बोलती है तुम इतने मासूम ओर प्यारे हो तुमसे कभी गुस्सा हो सकते है,,सच कहे तो अच्छा लगता था जब वो प्यार से ये बात बोलती थी,निक्कू हमसे कभी भी गुस्सा नही होती थी दोस्ती के नाते वो बहोत प्यार भी करती थी,आज भी उसकी जगह कोई नही ले सकता और न तो भविस्य मैं लेगा वो सबसे अलग थी
वो नही है फिर भी आंखे जब बन्द करता हु तो उसकी ही तस्वीर आती है सामने ,आंखे खोलता हु तो भी वही दिखती है आज भी उसे महसूस कर सकता हु उसका होना न होना मायने नही है क्योंकि वो आज भी दिल मे है और सायद हमेसा रहेगी।।