आखरी ख़त
ये शायद उसका आखरी ख़त था, मेरे हाथ कांप रहे थे, उसमें लिखे एक एक शब्द जैसे मेरी कानों में गूंज रहे थे, "कल लड़के वाले आ रहे हैं, सब कुछ तो लगभग तय हो गया है... बस मुझे देखेंगे और गोद भराई की रश्म पूरी करेंगे। पता है, लड़का बहुत अच्छा है, बैंक में मैनेजर है, बहुत स्मार्ट भी हैं"...और न जाने क्या क्या... मेरी आंखों से बहते आंसूओं की बूंद कागज पर लिखे शब्दों पर पड़ रहे...