...

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क्या कहें तुमसे
#UnfoldCharacter

क्या कहें तुमसे जब तुम सुनती नही हो
मैं क्या हूँ क्यों हूँ ऐसा तुम समझती नही हो

दीप का दरिया पार करते करते थक गया हूँ
मैं जो भी हूँ आज जहाँ भी हूँ तेरा हो गया हूँ

चार दिन का प्यार उमर भर का शिकार ना हो जाए
जिंदगी खूबसूरत है कहीं यह भी बरबाद ना हो जाए

किसी को चाहो तो पूरे दिल से चाहो
क्या पता दिल कैसा हो मन को ना निहारो

एक दिन तुम भी समझ जाओगे
यार जब मेरे प्यार को करीब लाओगे

प्रेम कोई छोड़ देने वाली चीज नही है
यह जिंदगी है कोई खाने वाली चीज नही है

प्रेम को पा लोगे दिल से तो जिंदगी संवर जाएगी
आग नहीं तो कल तुम भी इस प्रेम को समझ जाएगी

कोई रुसवा ना करो दिल में यह प्यार चाहता है
देना है तो दे दो यारा यह तुम्हारा प्यार चाहता है ॥

© ✍️ विश्वकर्मा जी