मन से सन्यासी होना चाहिये।
एक राजा था। उसके एक बेटी थी। जिसका नाम सुकन्या था । सुकन्या बहुत ही सुशील और सन्यासी प्रवृति की बालिका थी। जैसे-जैसे सुकन्या बडी होने लगी तो राजा को उसके विवाह की चिंता होने लगी। जब कोई रिश्ता सुकन्या के विवाह हेतु आता तो सुकन्या उसे मना कर दी थी। अब तो राजा की चिंता और बढने लगी। एक दिन राजा ने अपनी पुत्री सुकन्या को बुलाकर पुछा कि "बेटी तुम्हे कैसा वर चाहिये " जिससे तुम विवाह कर सको? सुकन्या ने कहा पिताजी...