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मेरे दादा जी
मेरे दादा जी ना तो अत्यधिक शिक्षित थे और ना ही उन्हें कोई ऐसी उपलब्धि ही प्राप्त थी जिसकी वजह से वो औरों को प्रेरित कर सकें...!! किंतु उनकी एक खूबी जो हमेशा से ही मेरी प्रेरणा स्रोत रही ।वो है उनकी कर्मठता..! उनकी कर्मठता मुझे सदैव ही प्रेरित करती हैं। आज वो हमारे बीच नहीं हैं फिर भी उनकी कर्मठता हमारे बीच प्रेरणा स्रोत बन कर हमें प्रेरित करती रहती हैं।
समय की महत्ता को समझते हुए दादा जी हमेशा किसी ना किसी काम में लगे ही रहते थे।जैसे...