फ़ैसला
#Good Morning कह कर रोज की तरह वो उस दिन सुबह उठकर मेरे पास आकर बैठ गई,कहने लगी कृष्ण हम कभी एक नही हो सकते हैं इस बात को तुम भी भली भांति जान रहे हो ,बेहतर है की हम दोनो अब दूर किराए पर अपना अपना कमरा ले लेते हैं,पापा भी अब शक करने लगे हैं, मां भी बात बात में कहती हैं कि पार्टनर फीमेल रखो मेल नहीं,मैं अब तक उनको समझाती रही की मां मैं अकेली रहती हूं उस शहर में , अब लोगों की मानसिकता पहले की तरह नहीं रही समाज की तरफ,मैं निकलती हूं तो मुझे लोग ऐसे देखते हैं जैसे लड़की नहीं देखी हो,उनकी नजर मुझे झुक के चलने से मजबूर कर देती हैं,ऐसे में अगर किसी लड़के के साथ रह रही हूं तो इसका मतलब ये नही की मैं गलत हूं,वो लड़का बहुत अच्छा है ,उसी गाड़ी में मैं भी चली जाती हूं ऑफिस,और वापस उसी की गाड़ी में सुरक्षित घर आ जाती हूं,दोनो मिलकर खाना बना लेते हैं,खा लेते हैं और सो जाते हैं, इसमें कोई गुनाह तो नही है ,मां कहती हैं कि तुम अपनी जगह ठीक हो लेकिन ,तुम्हारे पापा को ये बात बिलकुल पसंद नहीं है ,हर रोज जब तुमसे बात करके टेलीफोन रखती हूं,तभी वो मुझसे किसी न किसी बहाने झगड़ा करते हैं,मैं रोज उनकी कहा सुनी से थक गई हूं ,तुम या तो ट्रांसफर ले लो या तो कमरा अपना ले लो,लेकिन उसके साथ अब मत रहो,
कृष्ण मुझे पता है की तुम अपनी जगह...
कृष्ण मुझे पता है की तुम अपनी जगह...