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                        💗 प्यार लफ्जों मे कहाँ ..अध्याय- 11


उपन्यास


                        💗 प्यार लफ्जों मे कहाँ .....💗


                                    अध्याय- 11


1 महीने बाद -
स्मिता शोर मचाते हुए, घर के अंदर आती है - प्रणव.... प्रणव.... ये देखिए| मैं क्या लाई हूं आपकी फेवरेट आइसक्रीम .... आइए कहां है आप?
प्रणव - आता हूँ|
प्रणव - क्या बात है, आज बहुत खुश लग रही हो|
स्मिता - बिल्कुल पहले आप ये आइसक्रीम तो खाईए और सुनिए |
प्रणव - बोलिए|
स्मिता - मेरा लाइसेंस बन गया है| अब मै कोर्ट मे केस लड़ सकती हूं| अब मैं, स्मिता राजपूत से एडवोकेट स्मिता राजपूत कहलाउंगी|
प्रणव के पास जाकर उसकी आंखों में आंखें डालते हुए कहती है - और कुछ समय बाद मिसज एडवोकेट स्मिता चौहान|
प्रणव शांत रहता है| स्मिता की बातों को अनसुना कर बालकनी में चला जाता है| स्मिता कुछ समझ नहीं पाती| वो प्रणव के पास जाती है|
स्मिता - क्या हुआ प्रणव, मैंने कुछ गलत कहा क्या??
प्रणव - नही|
स्मिता - आप मुझसे प्यार नहीं करते तो हो ना, प्रणव|
प्रणव, स्मिता के होठों पर अपना हाथ रख देता और कहता है - ऐसी बात नहीं है | मैं आज भी तुमसे उतना ही प्यार करता हूं| जितना पहले करता था और मरते दम तक करूंगा और मरने के बाद भी|

स्मिता, प्रणव के होठों पर हाथ रख देती है| - ऐसा मत कहिए| एक बार मैं आपको खोने के डर को महसूस कर चुकी हूं, पर अब नहीं| मेरे अन्दर हिम्मत नही बची| अब आप कभी भी मरने की बात नहीं करेंगे, वरना मैं मर जाऊंगी|
स्मिता रोने लगती है|
प्रणव, स्मिता को अपने सीने से लगा लेता हैं|
प्रणव - शांत हो जाओ, स्मिता|
अच्छा ये बताओ अब तुम केस लडोगी, किससे| पूरा टाइम दो मुझसे ही झगड़ती रहती हो|
स्मिता - आप भी ना प्रणव....
प्रणव - अरे, अगर तुम्हारी बात जज साहब ने नही मानी तो तुम तो घर आकर मेरा ही भरता बना दोगी|

स्मिता - बहुत गंदे हैं प्रणव, आप|
प्रणव - अरे... अरे.. ये देखो तुम तो अभी से ही मुझे मारने लगी|
स्मिता - चुप हो जाइए आप| नही तो मुझसे बुरा कोई ना होगा|
स्मिता - अच्छा एक बात पूछूं?
प्रणव - बिलकुल|
स्मिता - जब से आपके साथ वो हादसा हुआ है, तब से आप ना घर से बाहर निकले हैं और ना ही कहीं घूमने जाते जाते हैं| एक महीने में आपने कभी निशांत, मेजर साहब और मां का जिक्र तक नहीं किया| क्या आपको नहीं लगता आपको उनसे मिलना चाहिए| पता नहीं वो...