...

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जाना" आपको क्या लगता है......
"जाना"
क्या आपको लगता है कि
मेरे इस हृदय में आपके लिए प्रेम खो गया है ..!!
इतनी समझदार होकर भी
आखिर क्यों नहीं समझ पाती हो कि
पूरे दिन की थकन के कारण ही रात में सो जाता हूँ ...!!
ऐसा नहीं है कि मैं आपके साथ वक्त बिताना नहीं चाहता हूं ....!!

लेकिन शरीर में इतनी थकन होती है कि
मैं खुद सो जाता हूं,
मैं जगने का बहुत प्रयास करता हूं
लेकिन जाग ही नहीं पाता ...!!

क्योंकि .......
मुझे ना दिन में सोने में नहीं बन पाता है
और
सच कहूँ तो
बस कुछ दिनों का यह व्यस्तता है ....!!

उसके बाद हम भी फ्री हो जाएंगे
उसके बाद
संभवतः कभी भी
आपको शिकवा, शिकायत का मौका
हम नहीं देंगे ....!!

हम आप ही के हैं और आपके रहेंगे ...!!

हमने एक बार नहीं हज़ार बार ये कहा है आपसे
कि आप मेरी जिंदगी हो
यकीन करो इस बात को कि आप ही मेरी जिंदगी हो ....!!

कभी आप अपने आप से
इत्मीनान से सोचना अकेले में
मैं अब सीमित रह गया हूं सिर्फ और सिर्फ आपमें
क्योंकि मेरी सारी कल्पना है जो कभी इंद्रधनुषी थी
वह सिर्फ आज आपके स्नेह के रंगों में रंगे हुए हैं ....!!

मेरी जितनी भी व्यथाएँ थी
वो आज आपका प्रेम पाकर ना जाने कहाँ विलुप्त हो चुकी है ...!!

लेकिन आप बार-बार ऐसे लिखते हो ना
तो फिर हमको सोचना पड़ जाता है
कि क्या आपके
मन में मेरे प्रति ऐसे भी भाव उत्पन्न होते हैं ...!!

मेरे इन व्यवहार से आपके हृदय पर चोट भी लगती है
लेकिन "जान" इतना ही कहूंगा कि
वह मेरी आदत हो सकती है
मगर मेरी मोहब्बत आप और सिर्फ आप हो ...!!

जरा सोचना आप कभी आराम से
मैं 3:00 बजे
कभी आपको उठने बोला हूँ नहीं ना ...!!

पहले एक दो बार बोला
लेकिन धीरे धीरे जैसे जैसे मैं आपको समझता गया
आपके परिस्थितियों से वाकिफ होता गया ..!!

मेरा आपसे सवाल जवाब उतना ही कम होता गया ...!!

मैं आपको और आपके परिवार को समझ सकता हूं
मगर आप बार बार कह देती हो कि
मैं आपको कभी समझ ही नहीं सकता हूँ
और ना ही समझने का प्रयास करता हूँ ...!.!!

लेकिन "जान" मैं आपसे आज भी कहता हूं
कि आप जिस जगह पे
आज मेरे हृदय में हो वहाँ के बारे में
कभी नहीं सोचा था मैंने ...!!
ऐसा तो नहीं कि
मैं आपको सम्मान नहीं देता ...!!
क्या आपकी कभी कदर नहीं करता ...!!

जान
आप बार बार कहती हो ना कि
मैं जरूरत के हिसाब ही आपसे जुड़ता हूँ
जिस रोज जरूरत होती है
उसी दिन मैं जागता हूँ रातों को
ऐसा नहीं है "जाना"
आपसे जुड़ना मुझे भी बहुत अच्छा लगा है
आप ही तो हो
जिससे मैं अपने मन की सारी बातें बयाँ करता हूँ ...!!
आप कभी मेरे नज़रिए से भी सोचने का प्रयास करो
क्योंकि
मैं अब आपसे जुदा नहीं हूं "जाना"

और हाँ ये मेरी कोई मजबूरी नहीं है जान ...!!
हमें आपसे मोहब्बत ही बे-इंतहा हो गई ..!!
शायद मैं इसे लफ्ज़ों में बयां भी ना कर पाऊं कभी ....
लेकिन ...
आखिरी में इतना ही कहूँगा कि
जाना मैं आपका प्रेम पाकर धन्य हो गया हूँ ...!!
और गुज़ारिश है आपसे की
आप मुझे संदेह के घेरे में ना लें क्योंकि
ये वाकया
अगर हर बार होगा तो
कहीं ऐसा ना हो कि मैं दूर हो जाऊँ आपसे ...!!

क्योंकि ....
मैं आपको कभी तकलीफ में देखना नहीं चाहता हूँ ...!!
कभी आपसे बिछड़ना नहीं चाहता हूँ ...!!
कभी आपके बिना ज़िन्दगी जीना नहीं चाहता हूँ ...!!
कभी आपके बिना अकेले में मुस्कुराना नहीं चाहता हूँ ...!!
कभी आपके बगैर कोई खुशियां मनाना नहीं चाहता हूँ ...!!

इसका सिर्फ और सिर्फ यही कारण है कि
मैं आपसे बे-हद प्रेम करने लगा हूँ !!

और हाँ "जाना" आप
ये भी बार बार कहती हो ना मुझे लिखने में महारत हासिल है ....!!
कुछ भी लिख देता हूँ बेशक़
मैं कुछ भी लिखता हूँ ....!!
लेकिन .....
ये कोई शायरी या ग़ज़ल नहीं है
ये मेरे दिल के एहसास है "जाना" जिसको
तुम महसूस करो जान ....!!

भले ही मैं कुछ भी लिखूँ लेकिन
मैं ये चाहता हूँ कि
आप यूँ ही कुछ भी ना लिखें
जिससे सिर्फ मेरे नहीं
आपके भी हृदय को पीड़ा का एहसास हो ..!!
हम ये भी नहीं चाहते हैं जान ...!!

क्योंकि आपसे बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत-बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत प्रेम करते हैं "जाना"

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© कुन्दन प्रीत