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"हाथ मिलाने रुक जाना..."P1:letter2 writer- Srushti Mahajan
आज तुम्हे देखा मैने ओवी...|10 साल बाद भी तुम वेसी ही दिखती हो जेसी पहले थी लेकीन अब ज्यादा खुबसुरत होगई हो । तुम्हे मे याद भी हूँ या नही किसे पता ? पर मे तुम्हे भुला ही नही पाया कभी याद करने के लिए । तुम मेरे किताब का वो पन्ना हो जो कोरा रेह गया पर हाँ , याद रखना जो पन्ने कोरे होते है वो ज्यादा बोल पाते है । तुम्हे देखकर भी मे तुमसे आज मिलने क्यो नही आया पता है ? क्योंकि एक वक्त था जब तुम मुझसे मिलना नही चाहती थी पर अब ये वक्त है कि मे ही तुमसे मिलना नही चाहता । वो टुटा हुआ पुराणा नितेश...