रंगमंच कि कहानी (पार्ट _3)
अब दूसरे दिन इंतज़ार कर रही थीं बबिता अपने दोस्त का और जल्दी उठकर स्नान कर के पहले ही पूजा पाठ पढ़ कर के
कि दोस्त को फ़ोन
बबिता:_ही, किया कर रही है
दोस्त:_ही, कुछ नहीं और तू
बबिता:_मैं तो तैयार हो रही हो, तो आयेगी ना मेरे घर कपड़ा ले कर।।
दोस्त:_हां पर बहुत दूर है तेरा घर...
कि दोस्त को फ़ोन
बबिता:_ही, किया कर रही है
दोस्त:_ही, कुछ नहीं और तू
बबिता:_मैं तो तैयार हो रही हो, तो आयेगी ना मेरे घर कपड़ा ले कर।।
दोस्त:_हां पर बहुत दूर है तेरा घर...