दोस्ती
ये बात उस दौर की जब मेने अपनो से दुश्मनी मोड़ ली थी, और खुद की तलाश में घूम रहा था और एक अजनबी से यारी होगाइ,वेस वो मेरी कुछ न होकर भी सबकुछ होगइ,पहले उस्से घंटो तक बात करना और दूसरे दिन सवेरे मिलने पर भी बात खतम नहीं होती,
कभी मेरा सहारा बनती तो कभी मुझे बड़ी बहन की तरह समझती,कभी में...
कभी मेरा सहारा बनती तो कभी मुझे बड़ी बहन की तरह समझती,कभी में...