कुछ कम सा हैं
कैसा ये मुकाम हैं, जिंदगी का,
जहा सब होते हुए भी, कुछ कम सा हैं,
दिन सुहाने होते हुए भी,
बदला बदला मौसम सा लगता हैं,,!
हरपल लबों पर हँसी,, पर. ;
दिल मे कुछ नम सा लगता हैं,,
सब कुछ होते हुए भी, कुछ कम सा लगता हैं,,,!
सभी के साथ होते हुए भी,
एक अकेलापन सा लगता हैं,,!
कि इस खाली से दिल मे भी,,
इक भारीपन सा लगता हैं,,
सब कुछ होते हुए भी,,,,
कुछ कम सा लगता हैं,,!!!!
जहा सब होते हुए भी, कुछ कम सा हैं,
दिन सुहाने होते हुए भी,
बदला बदला मौसम सा लगता हैं,,!
हरपल लबों पर हँसी,, पर. ;
दिल मे कुछ नम सा लगता हैं,,
सब कुछ होते हुए भी, कुछ कम सा लगता हैं,,,!
सभी के साथ होते हुए भी,
एक अकेलापन सा लगता हैं,,!
कि इस खाली से दिल मे भी,,
इक भारीपन सा लगता हैं,,
सब कुछ होते हुए भी,,,,
कुछ कम सा लगता हैं,,!!!!