शर्त महंगी पड़ गयी
#शर्त
चंदन को शर्त लगाना और फिर उसे जीतना बहुत पसंद था। हर बात पर शर्त लगाना उसकी आदत में शुमार हो गया था। इसलिए चंदन को लोग शर्तिया चंदन कह कर बुलाते थे। आज फिर उस ने शर्त लगाई थी आनंद से कि वह बड़ी हवेली के बगीचे से दस आम तोड़ के लायेगा।
सो अपनी शर्त को पूरा करने के लिये उसने एक योजना बनाई कि जब रात के वक़्त सब लोग सो रहे होंगे तब वह हवेली मे प्रवेश करेगा और बड़ी होशियारी के साथ एक बार फिर से वो सबके समक्ष यह सिद्ध कर देगा कि उससे शर्त लगाना किसी के लिये भी घाटे का सौदा होता है।
आनन्द ये बात जानता था कि चंदन ने इस बार बड़ी दुविधा अपने सर मोल ले ली है।
लेकिन वो उसका ये घमंड तोड़ना चाह्ता था सो वह मन ही मन खुश हो रहा था।
यह बात पूरे गांव मे प्रचलित थी कि बड़ी हवेली के मालिक साहब बड़े गरम मिज़ाज के व्यक्ति थे।
पेशे से उनकी शहर मे 3 फैक्ट्री थी और गांव मे 5 खेत । साथ ही लोगों को ब्याज पर पैसे भी दिया करते थे । मगर सबके साथ उनका व्यव्हार बेहद शर्मनाक था। वो सबको अपने पांव की धूल समझते थे। उनके बारे मे कुछ बातें भी चलन मे थी के एक बार किसीने उनसे 2 लाख रुपया कर्ज़ लिया था जिसे पूरा ना अदा कर पाने के...
चंदन को शर्त लगाना और फिर उसे जीतना बहुत पसंद था। हर बात पर शर्त लगाना उसकी आदत में शुमार हो गया था। इसलिए चंदन को लोग शर्तिया चंदन कह कर बुलाते थे। आज फिर उस ने शर्त लगाई थी आनंद से कि वह बड़ी हवेली के बगीचे से दस आम तोड़ के लायेगा।
सो अपनी शर्त को पूरा करने के लिये उसने एक योजना बनाई कि जब रात के वक़्त सब लोग सो रहे होंगे तब वह हवेली मे प्रवेश करेगा और बड़ी होशियारी के साथ एक बार फिर से वो सबके समक्ष यह सिद्ध कर देगा कि उससे शर्त लगाना किसी के लिये भी घाटे का सौदा होता है।
आनन्द ये बात जानता था कि चंदन ने इस बार बड़ी दुविधा अपने सर मोल ले ली है।
लेकिन वो उसका ये घमंड तोड़ना चाह्ता था सो वह मन ही मन खुश हो रहा था।
यह बात पूरे गांव मे प्रचलित थी कि बड़ी हवेली के मालिक साहब बड़े गरम मिज़ाज के व्यक्ति थे।
पेशे से उनकी शहर मे 3 फैक्ट्री थी और गांव मे 5 खेत । साथ ही लोगों को ब्याज पर पैसे भी दिया करते थे । मगर सबके साथ उनका व्यव्हार बेहद शर्मनाक था। वो सबको अपने पांव की धूल समझते थे। उनके बारे मे कुछ बातें भी चलन मे थी के एक बार किसीने उनसे 2 लाख रुपया कर्ज़ लिया था जिसे पूरा ना अदा कर पाने के...