दोस्त 🫶
कहना तो बहुत कुछ है, पर शब्द ही नहीं है
समझ भी तो दोस्त ही सकते हैं ना ,पर क्या करें दोस्त ही नहीं है
यूं तो जिंदगी के हर मोड़ पर दोस्त बने थे ,पर पता नहीं क्यों अब वह सब साथ ही नहीं है ...
स्कूल के दोस्त सब अजनबी से हो गए.. एक राह पर मिले मुसाफिर के जैसे, वह दूर हो गए
बातें अब सिर्फ उनसे इतनी सी रह गई ..
helloसे शुरू bye पर खत्म
बीच के चार शब्द.. जैसे formality हो गए
ना बातें होती है ,ना मिलना होता है
दिल खूब करता है उनसे मिलकर उन्हें गले लगा कर रोने का..
I miss you my friends कहने का ...
समझ भी तो दोस्त ही सकते हैं ना ,पर क्या करें दोस्त ही नहीं है
यूं तो जिंदगी के हर मोड़ पर दोस्त बने थे ,पर पता नहीं क्यों अब वह सब साथ ही नहीं है ...
स्कूल के दोस्त सब अजनबी से हो गए.. एक राह पर मिले मुसाफिर के जैसे, वह दूर हो गए
बातें अब सिर्फ उनसे इतनी सी रह गई ..
helloसे शुरू bye पर खत्म
बीच के चार शब्द.. जैसे formality हो गए
ना बातें होती है ,ना मिलना होता है
दिल खूब करता है उनसे मिलकर उन्हें गले लगा कर रोने का..
I miss you my friends कहने का ...