माँ
आज उसका बेटा आज उसे वृद्धा आश्रम छोडकर आखिर आ ही गया। उसके चेहरे पर एक शिकन तक नहीं थी। न ही कोई दर्द। दोनो बेटे बहु बहुत ही खुश थे। क्योंकि वो एक आजाद जिंदगी जीना चाहते थे। माँ का हर बात पर रोकना टोकना उन्हें पसंद नहीं था। ऊपर से दोनों नौकरी करते थे। माँ तो हमेशा अकेली ही रहती थी। खाना भी अकेली ही खाती थी। कभी किसी चीज की जरुरत भी होती...