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दावत
आज राघव के यहाँ उत्सव का दिन है, उसके बेटे ने रेलवे की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है शायद यही कारण हो। उसने घर पर आज दावत रखी है, बहुत से खास मेहमानों को आमंत्रित किया है। दिन ढलने के साथ एक-एक करके सभी मेहमान का आगमन प्रारंभ होने लगा।
दावत में तरह-तरह के पकवान बनाये गए। नमकीन, तीखा, फीका, मीठा व कई प्रकार के स्वादानुसार भोज तैयार किये गए। खाने में किसी भी तरह को कोई कसर नहीं छोड़ी। सबको भरपेट भोजन करा अब पान का समय था, राहुल (राघव का लड़का) ने देवड़ी में मेहमानों के लिये पानदानी की व्यवस्था की। अंत मे सबने राहुल को शुभकामनाएं देते हुए विदाई ली।
रास्ते में जाते हुये कुछ दो लोग बाटे करते हुए-" दाल में नमक थोड़ा कम था..."।

सार- हम किसी के लिये कितना ही अच्छा क्यों न करले, कमी निकालने वाले उसमें भी कुछ कसर जरूर ढूंढ लेंगे व सारी अच्छाई को भूल बस एक बुराई को ही इंगित करते रेहेंगे।


@shivamsarle
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