...

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उलझीं हुयी जिंदगी की कहानी 🙂
एक लड़की की ऐसी कहानी थी
वो खुद को हर तरफ से हारी थी
वो दुनिया में अकेली भी काफी थी
पर फिर भी वह एक कमजोर नारी थी
कितनी बार तो संभाला खुद को
पर‌ फिर भी हर‌ बार आंखें नम हो जाती थी
खुद को इस कदर से समेटा था
हौसलों को भी खुद से जोड़ा था
पर फिर भी वह टुट गयी
मन में आंसु बहातीं
औरों के सामने बेहिसाब मुस्कुराती
कभी कभी सब समझ के भी उसे अनदेखा कर देते
कभी अपने भी पराये से हों जातें थे
कहने को सब कहते हैं वे उसे बखूबी समझते हैं
पर दिल की हालातो से लड़ते-लड़ते
वो हर बार अकेले पड़ जाती थी
हां वो सबके साथ तो रहतीं थीं
पर हर बार खुद को अकेला ही पातीं थी
वो अकेले भी दुनिया के लिए काफी थी
पर वो अपने लिए एक कमजोर नारी थी
एक लड़की की ऐसी कहानी थी
वो खुद को हर तरफ से हारी थी
फिर भी खुद को हर बार संभालती थी
वो गम में भी मुस्कुराती थी
फिर भी खुद को हर हाल में जीना सीखाती थी
🥺🙁😔🙂