#एक राज़ ऐसा भी
#चिट्ठी
लाइब्रेरी में बैठी हुई निकिता क़िताब के पन्ने पलट रही थी और बेसब्री से सुप्रिया का इंतज़ार कर रही थी। जब से सुप्रिया का कॉल आया था और उसने उसे लाइब्रेरी बुलाया था ये कह के की उसको उस चिट्ठी के बारे में कुछ पता चला है, तब से निकिता बेचैन थी। और उस चिट्ठी के बारे में सोचने लगी जो उसे हर दिन मिल रही थी जिसमें केवल एक ही बात लिखी थी' मुझे तुम्हारा राज मालुम है 'इस एक लाइन को सोचते ही निकिता के मन में उदासी छा गई।वह बहुत घबरा गई जैसे कि उसने कुछ बड़ा किया हो उसे लाइब्रेरी में बैठे हुए एक मिनट एक घंटे के बराबर लग रहा था वह इंतजार कर रही थी कि कब सुप्रिया आकर उसे बताएं कि कौन था जो उसे ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा था ।यही सब सोचते सोचते दोपहर की 11:00 बज चुके थे ।अभी भी निकिता बैठी सुप्रिया का इंतजार कर रही थी लेकिन तभी क्लास रूम के बहुत सारे बच्चे लाइब्रेरी में आने लगे उसने देखा कि शायद इस बीच में सुप्रिया भी हो लेकिन उसे सुप्रिया नहीं दिखी। जैसे जैसे समय बीत रहा था उसके दिल की धड़कन तेज हो रही थी उसे ऐसा लग रहा था जैसे कि आज उसके साथ बहुत बड़ा होने वाला है जिसके बारे में उसे कुछ भी अंदाजा नहीं था।धीरे-धीरे दोपहर के एक बज गए थे सुप्रिया अभी भी नहीं आई थी ।निकिता ने सोचा कि मुझे कॉल करके पूछना चाहिए कि आखिर वह कहां रह गई निकिता ने कॉल किया सुप्रिया ने एक बार में कॉल नहीं उठाया अब तक निकिता की घबराहट और भी बढ़ चुकी थी उसने फिर से सुप्रिया को फोन किया तब सुप्रिया ने कुछ देर रुक जाने के बाद में कॉल उठाकर कहा कि अभी मैं ट्रैफिक में हूं थोड़ी देर में बस आ रही हूं आकर तुमसे मिलती हूं। निकिता ने सोचा चलो सुप्रिया ठीक है उसने इंतजार किया और ठीक 15 मिनट बाद सुप्रिया निकिता से मिलने के लिए लाइब्रेरी में आई ।सुप्रिया को देखते ही निकिता जैसे जम सी गई थी सुप्रिया के हाथ में वह सारी चिठ्ठी थी ।निकिता इन सारी चिट्ठियों के बारे में सुप्रिया को हर रोज बताया करती थी क्योंकि वह दोनों बचपन की दोस्त थी उनके बीच में कुछ भी सीक्रेट नहीं था । सुप्रिया ने कहा ये वो चिट्ठियां जो तुम्हें हर रोज मिलती है उन्होंने सारी चिट्ठियों को खोला और पढ़ा । सुप्रिया ने कहा तुमने गौर किया इसमें लिखी सारी लाइनें की हैंडराइटिंग एक ही है और ऐसी हैंडराइटिंग हमारी क्लासरूम के भी एक बच्चे की है निकिता ने अचानक से पूछा कौन? कौन है वह जो मुझे ब्लैकमेल करना चाहता है सुप्रिया ने कहा हमारी क्लास में लास्ट सीट पर बैठने वाला मोंटी ।पर...
लाइब्रेरी में बैठी हुई निकिता क़िताब के पन्ने पलट रही थी और बेसब्री से सुप्रिया का इंतज़ार कर रही थी। जब से सुप्रिया का कॉल आया था और उसने उसे लाइब्रेरी बुलाया था ये कह के की उसको उस चिट्ठी के बारे में कुछ पता चला है, तब से निकिता बेचैन थी। और उस चिट्ठी के बारे में सोचने लगी जो उसे हर दिन मिल रही थी जिसमें केवल एक ही बात लिखी थी' मुझे तुम्हारा राज मालुम है 'इस एक लाइन को सोचते ही निकिता के मन में उदासी छा गई।वह बहुत घबरा गई जैसे कि उसने कुछ बड़ा किया हो उसे लाइब्रेरी में बैठे हुए एक मिनट एक घंटे के बराबर लग रहा था वह इंतजार कर रही थी कि कब सुप्रिया आकर उसे बताएं कि कौन था जो उसे ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा था ।यही सब सोचते सोचते दोपहर की 11:00 बज चुके थे ।अभी भी निकिता बैठी सुप्रिया का इंतजार कर रही थी लेकिन तभी क्लास रूम के बहुत सारे बच्चे लाइब्रेरी में आने लगे उसने देखा कि शायद इस बीच में सुप्रिया भी हो लेकिन उसे सुप्रिया नहीं दिखी। जैसे जैसे समय बीत रहा था उसके दिल की धड़कन तेज हो रही थी उसे ऐसा लग रहा था जैसे कि आज उसके साथ बहुत बड़ा होने वाला है जिसके बारे में उसे कुछ भी अंदाजा नहीं था।धीरे-धीरे दोपहर के एक बज गए थे सुप्रिया अभी भी नहीं आई थी ।निकिता ने सोचा कि मुझे कॉल करके पूछना चाहिए कि आखिर वह कहां रह गई निकिता ने कॉल किया सुप्रिया ने एक बार में कॉल नहीं उठाया अब तक निकिता की घबराहट और भी बढ़ चुकी थी उसने फिर से सुप्रिया को फोन किया तब सुप्रिया ने कुछ देर रुक जाने के बाद में कॉल उठाकर कहा कि अभी मैं ट्रैफिक में हूं थोड़ी देर में बस आ रही हूं आकर तुमसे मिलती हूं। निकिता ने सोचा चलो सुप्रिया ठीक है उसने इंतजार किया और ठीक 15 मिनट बाद सुप्रिया निकिता से मिलने के लिए लाइब्रेरी में आई ।सुप्रिया को देखते ही निकिता जैसे जम सी गई थी सुप्रिया के हाथ में वह सारी चिठ्ठी थी ।निकिता इन सारी चिट्ठियों के बारे में सुप्रिया को हर रोज बताया करती थी क्योंकि वह दोनों बचपन की दोस्त थी उनके बीच में कुछ भी सीक्रेट नहीं था । सुप्रिया ने कहा ये वो चिट्ठियां जो तुम्हें हर रोज मिलती है उन्होंने सारी चिट्ठियों को खोला और पढ़ा । सुप्रिया ने कहा तुमने गौर किया इसमें लिखी सारी लाइनें की हैंडराइटिंग एक ही है और ऐसी हैंडराइटिंग हमारी क्लासरूम के भी एक बच्चे की है निकिता ने अचानक से पूछा कौन? कौन है वह जो मुझे ब्लैकमेल करना चाहता है सुप्रिया ने कहा हमारी क्लास में लास्ट सीट पर बैठने वाला मोंटी ।पर...