लगाया दिल बहुत पर
तारा और अभिषेक कॉलेज फ्रेंड्स थे, सालों बाद एक कैफे में यूं ही टकराये तो हाल -चाल के बाद कुछ पर्सनल बातें शुरु हुईं....
अभिषेक: तुम्हारे पति तुमसे प्यार तो करते हैं ना?
तारा: हम्म्। वो लड़के होते हैं ना जो अपनी गर्लफ्रेंड पर जान छिड़कते हैं फ़िर भी परिवार की खातिर उन्हीं का दिल तोड़ देते हैं। और सोचते हैं कि उनकी मां की पसंद की ही सही लेकिन अब जब कोई लड़की उनके भरोसे पर उनकी जिंदगी में आयेगी। उसका दिल हरगिज़ नहीं दुखायेंगे। उनकी प्रेमिका को जो दुःख, जो अपमान, जो अकेलापन सहना पड़ा। उनकी पत्नी को वो कुछ भी नहीं सहने देंगे, हमेशा साथ देंगे और अगर कोई उनके वश के बाहर की कोई अनहोनी हो भी गई तो कम से कम...
अभिषेक: तुम्हारे पति तुमसे प्यार तो करते हैं ना?
तारा: हम्म्। वो लड़के होते हैं ना जो अपनी गर्लफ्रेंड पर जान छिड़कते हैं फ़िर भी परिवार की खातिर उन्हीं का दिल तोड़ देते हैं। और सोचते हैं कि उनकी मां की पसंद की ही सही लेकिन अब जब कोई लड़की उनके भरोसे पर उनकी जिंदगी में आयेगी। उसका दिल हरगिज़ नहीं दुखायेंगे। उनकी प्रेमिका को जो दुःख, जो अपमान, जो अकेलापन सहना पड़ा। उनकी पत्नी को वो कुछ भी नहीं सहने देंगे, हमेशा साथ देंगे और अगर कोई उनके वश के बाहर की कोई अनहोनी हो भी गई तो कम से कम...