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प्यार की जीत
मुस्कान ने अपनी पढ़ाई पूरी करते हैं एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब कर ली मुस्कान अपने मां-बाप की इकलौती औलाद थी उन्होंने उसे पढ़ा लिखा कर समाज में खड़े होने लायक बनाया था मुस्कान को उन्होंने बहुत लाड प्यार से पाला था मुस्कान का भी फर्ज था कि वह उन्हें कभी कोई गम ना दे और सारी दुनिया की खुशियां लाकर उनके कदमों में डाल दे उसने अपने आप से वादा किया कि वह कभी भी अपने मम्मी पापा को मायूस नहीं करेगी और ना ही कभी उनका दिल दुखाएगी
जिस कंपनी में मुस्कान को जोब मिली वहां बहुत सारे लोग काम करते उनमें लड़के लड़कियां सभी थे मुस्कान के केबिन के सामने एक लड़के का केबिन था उसका नाम अहान था वह हर वक्त मुस्कान की तरह ही देखता रहता मुस्कान को उसे देखकर बहुत गुस्सा आता वह सोचती इसे कोई काम नहीं है जो मेरी तरफ ही देखता रहता है उसने अपनी कूलीग नैना से कहा कैसे कोई काम नहीं है जो यह मुझे देखता रहता है नैना हंसने लगी और कहने लगी यह बहुत इंटेलिजेंट बंदा है अपना काम वक्त से पहले पूरा कर लेता है और कभी किसी को शिकायत का मौका नहीं देता मेरा मशवरा है तुम भी इस पर नजर डालो फायदे में रहोगी नैना की बात सुनकर मुस्कान हंसने लगी अहान ने मुस्कुराकर मुस्कान को देखा ।फिर वह उठकर मुस्कान के केबिन में चला आया नैना ने मुस्कान से कहा देखो तुम्हारे पास ही आ रहा है आज तो उससे दोस्ती कर लेना यह कहकर नैना चली गई अहान मुस्कान के पास आकर खड़ा हो गया और बोला हाय स्माइल कैसी हो आज वह मुस्कान से पहली बार बात कर रहा था लेकिन उसका अंदाज ऐसा था जैसे वे बरसों से दोस्त हो और उनमें बहुत पहले से जान पहचान हो मैं ठीक हूं और मेरा नाम स्माइल नहीं मुस्कान है मुस्कान ने कहा अहान मुस्कुराया और बोला जानता हूं लेकिन मुझे आपकी इस्माइल बहुत पसंद है और मैं तो आपको इस्माइल ही कहूंगा अब आप मुझे अपना दोस्त समझ ले
मुस्कान तो उसकी हिम्मत...