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क्यों पालते हो ,मुझे
मै न हूं, तेरो बच्चा,क्यों पालते हो ,मुझे।"जन्म दिया,तो उपकार किया, मै कहा था मुझे जन्म देने को।"तेरी रोटी तू क्यों नहीं खाता,भला! मुझे क्यों देता है।आंधी में मेरे बीमार होने पर दवाइयां क्यों लाता है।

पता है न तुझे , मै बड़ा होकर तुझे अनाथालय तुझे छोड़ आऊंगा।तो तू क्या पागल है,जो मुझ जैसे पर अपना प्यार जताता है।मुझे नहीं पढ़ना ,मुझे क्यों पढ़ाता है,चोरी चकरी आसान रास्ता है,मुझे वो करने में मज़ा आता है।

"बेटा मेहनत का कमाओ और मेहनत का खाओ",मुझे क्यों सिखाता है।अरे! तुझे कैसे होगा पता ,तू ठहरा ओल्ड फैशन,हम जैसे को पैसे,बड़ी बड़ी गाडियां, आईफोन,पार्टी और मक्कारी करने में मज़ा आता है।

बूढ़ा लाचार बाप की पत्नी बीमार है,बहन की शादी नहीं हुई।बाप बच्चे से कुछ पैसे कि भीख मांगता है,बच्चा बताता है,"देखा आ गया ना मक्कारी का पैसा मांगने,चल जा यहां से! मुझे अपने पत्नी के लिए सोने का हार लेना है।"बूढ़ा बाप की उसका बेटा एक ना सुनता है,बाप की बीमार पत्नी मर जाती है।बाप उसके दर्द में मर जाता है।

बेटा कहता है,"मर गया ना तू ,ये सच्चाई का जीवन जीते हुए,जा! तू तो अपनी पत्नी को भी नहीं बचा पाया, छोड़ो!इस बेवकूफ़ को क्या पता enjoy करना।खुद तो गया, अब इस बला को मुझ पर छोड़ गया।वो बहन अपने ही घर नौकरानी बन जाती है।

इंसान आंधे होते जा रहे है,जरूरत है आंखे खोलने की है।

शुक्रिया पढ़ने के लिए।

© RR_जान