...

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दीद ए महबूब ❤️
ए मेरे यार की यादें जितना तुम याद आते हो
कभी मुझे भी याद बनाकर उनके पास ले चलो

बहुत बेचैनी है इस माहौल में नहीं रह सकता मैं
ए मेरी बेचैनी अब बस मुझे मेरे सुकून के पास ले चलो

राहें ताकते हुए थक गया हूं मैं उनकी चाहत में
कि अब मेरे कदमों तुम्हें कसम है मुझे उनके घर ले चलो

तरस गईं हैं निगाहें मेरी सिर्फ एक नज़र महबूब को देखने
चलो मेरी आंखें सिर्फ एक बार मुझे उनकी दीद करने ले चलो

सफ़र में अकेला ना सही मगर मेरे हमसफ़र
हाथ पकड़कर मेरा तुम, बस यूंही मेरे संग चले चलो

मैं बनूं बादल तुम बरसात बन जाना
बनूं मैं हसरत तुम चाहत बन जाना

रहता हूं मैं बेचैन बेचैन हर पल की ऐसे
तुम सबब लेकर बेचैनी का राहत बन जाना

ना आए दर्मियाँ तेरे मेरे कोई भी कभी
साथ चलकर मेरे तुम जिंदगी की रुकावट बन जाना

मेरे सजदों को सिर्फ़ एक तेरा दर चाहिए
मैं दुआ करूं ऐसे कि तुम इबादत बन जाना

सांसें भी अब चले तेरे नाम से भी की जैसे
खुशी तुम अब मेरे जीने की बस आदत बन जाना

© विकास - Eternal Soul✍️