नई पहल
आज नगर के मशहूर व्यापारी जगतसिंह जी के मकान का गृहप्रवेश की
तैयारी चल रही थी। चारों ओर चर्चा चल रही थी। विश्वससुत्र से पता चला बड़े बड़े अभिनेता, राजनेता, महान हस्तियों भी शामिल होंगे।
नगर के सभी लोगों में उत्सुकता बनी हुई थी। घर के सामने जमघट लगी थी।
सभी लोग धीरे - धीरे पहुंच रहे थे। कार्यक्रम शुरू होने के कगार पर था इतने में खुसुर - फुसुर होने लगी इतने महान हस्तियों में आखिर फीता काट कर उद्घाटन किसके द्वारा किया जाएगा। सभी अपने - अपने राय दें रहें थे।
अंत में जगतसिंह जी मंच में फीता रखें थाली को लाए और घोषणा करते हुए कहा कि इस विशाल घर को बनाने में जिन कारीगरों ने कठिन परिस्थितियों में भी जिम्मेदारी से दिन रात मेहनत किए मैं शब्दों से धन्यवाद नहीं दे सकता। वेशक धन मेरा लगा है पर इतना मेहनत हमारे द्वारा नहीं हो पाता, इसलिए फीता काटने के लिए इन कारीगरों को आमंत्रित करता हूं। इसका असली हकदार ये है।
उनकी इस बात को सुनकर सब आश्चर्य चकित रह गए। लोगों में खुशियां छाई गई।सब उनकी भूरी-भूरी प्रशंसा करने लगे। कारीगरों को उचित सम्मान मिला। इस तरह एक नई पहल की शुरुआत हुई।
रीता चटर्जी।
तैयारी चल रही थी। चारों ओर चर्चा चल रही थी। विश्वससुत्र से पता चला बड़े बड़े अभिनेता, राजनेता, महान हस्तियों भी शामिल होंगे।
नगर के सभी लोगों में उत्सुकता बनी हुई थी। घर के सामने जमघट लगी थी।
सभी लोग धीरे - धीरे पहुंच रहे थे। कार्यक्रम शुरू होने के कगार पर था इतने में खुसुर - फुसुर होने लगी इतने महान हस्तियों में आखिर फीता काट कर उद्घाटन किसके द्वारा किया जाएगा। सभी अपने - अपने राय दें रहें थे।
अंत में जगतसिंह जी मंच में फीता रखें थाली को लाए और घोषणा करते हुए कहा कि इस विशाल घर को बनाने में जिन कारीगरों ने कठिन परिस्थितियों में भी जिम्मेदारी से दिन रात मेहनत किए मैं शब्दों से धन्यवाद नहीं दे सकता। वेशक धन मेरा लगा है पर इतना मेहनत हमारे द्वारा नहीं हो पाता, इसलिए फीता काटने के लिए इन कारीगरों को आमंत्रित करता हूं। इसका असली हकदार ये है।
उनकी इस बात को सुनकर सब आश्चर्य चकित रह गए। लोगों में खुशियां छाई गई।सब उनकी भूरी-भूरी प्रशंसा करने लगे। कारीगरों को उचित सम्मान मिला। इस तरह एक नई पहल की शुरुआत हुई।
रीता चटर्जी।
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