ठीक हूं
एक उम्र के बाद आदमी शान्त होने लगता है, भागता हुआ सा शान्त। भागता हुआ सा शान्त आदमी बहुत खतरनाक होता है। आदमी रूक नहीं सकता, उसे रुकने नहीं दिया जाता। वह रुक जाए तो दुनिया का बोझ मालूम पड़ता है। भागते-भागते वह भीतर से खाली होने लगता है। आस-पास स्नेह ढूंढता है जो दोस्तों...