अल्फ़ाज़
मैंने देखा था उसे ,कई बार खुद से जूझते हुए;
अपने स्वाभिमानी आंखों से आंसू के कतरे को थामे; अपने आत्मसम्मान की रक्षा वो जिस तरह करती,
वो मुझे प्रेरित करता था;
एक...
अपने स्वाभिमानी आंखों से आंसू के कतरे को थामे; अपने आत्मसम्मान की रक्षा वो जिस तरह करती,
वो मुझे प्रेरित करता था;
एक...